विजयादशमी का दिन भारतीय त्यौहारों में तो महत्वपूर्ण है ही लेकिन ज्योतिष की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यही वह दिन है जब सभी ग्रहों ने रावण को एक साथ दंडित किया। भगवान श्रीराम जब युद्ध से थक चुके थे तब रावण उनके समक्ष उपस्थित हुआ। ग्रहों के स्वामी सूर्यदेव की विशेष कृपा के कारण यह संभव हो सका। अत: इस दिन यदि आप विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं तो कई तरह के फल प्राप्त होते हैं। मुख्य बात यह है कि शत्रु का नाश होता है और सत्य की विजय होती है।
मेष- करें: श्रीराम का पूजन करें ॥ ॐ रामभद्राय नमः ॥ मंत्र का जाप करें।
मेष- न करें: रामदरबार पूजन में गुलाब के फूल न चढ़ाएं।
वृष- करें: हनुमान जी का पूजन करें ॥ ॐ आञ्जनेयाय नमः ॥ मंत्र का जाप करें।
वृष- न करें: हनुमान पूजन में गुड़ का भोग न लगाएं।
मिथुन- करें: राम दरबार पर बेसन के लड्डू चढ़ाएं।
मिथुन- न करें: विजयदशमी पूजन में पीले फूल न चढ़ाएं।
कर्क- करें: श्री सीता-राम को पान खिलाएं।
कर्क- न करें: विजयदशमी पूजन में तेल का दीपक न जलाएं।
सिंह- करें: श्रीराम पूजन कर "ॐ जनार्दनाय नमः" मंत्र का जाप करें।
सिंह- न करें: विजयदशमी पूजन में श्वेत चंदन उपयोग में न लें।
कन्या-करें: हनुमान पूजन कर "ॐ शर्वाय नमः" मंत्र का जाप करें।
कन्या- न करें: हनुमान पूजन में केले न चढ़ाएं।
तुला- करें: राम दरबार पर शहद चढ़ाएं।
तुला- न करें: विजयदशमी पूजन में पीतल के पात्र उपयोग में न लें।
वृश्चिक- करें: हनुमान जी पर चमेली का इत्र चढ़ाएं।
वृश्चिक- न करें: विजयदशमी पूजन में चंदन धुप न जलाएं।
धनु- करें: तुलसीपत्र हाथ में लेकर ॥ ॐ दान्ताय नमः ॥ का जाप करें।
धनु- न करें: विजयदशमी पूजन में कांसे के पात्र उपयोग में न लें।
मकर- करें: श्री सीता-राम पर मौली चढ़ाएं।
मकर- न करें: विजयदशमी पूजन में रोली उपयोग में न लें।
कुंभ- करें: हनुमान मंत्र ॥ ॐ वायुपुत्राय नमः ॥ का जाप करें।
कुंभ- न करें: हनुमान पूजन में मावे से बने मिष्ठान न चढ़ाएं।
मीन- करें: रामदरबार पर मेहंदी चढ़ाएं।
मीन- न करें: हरे आसन पर बैठकर विजयदशमी पूजन न करें।
आचार्य कमल नंदलाल
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