पटना। बिहार में लगभग ध्वस्त हो चुकी शिक्षा व्यवस्था के लिए शिक्षकों को भी एक बड़ी वजह माना जाता है। जिस तरीके से सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है, मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में नतीजे खराब होते जा रहे हैं, इसके लिए शिक्षकों का स्कूल से नदारद रहना और क्लास नहीं लेना बड़ी वजह है। सिस्टम की इसी कमी को दुरुस्त करने के लिए राज्य सरकार ने एक नया फरमान जारी किया है। जिसमें आदेश दिए गए हैं कि अब से सभी सरकारी शिक्षक अपने स्कूल में पहुंचकर सबसे पहले खुद की सेल्फी लेंगे।
ऐसे में सवाल उठता है कि स्कूल पहुंचे शिक्षक आखिर अपनी सेल्फी क्यों ले ? तो ऐसा करना इसीलिए अनिवार्य कर दिया गया है, क्योंकि शिक्षकों को अपना सेल्फी लेकर अब शिक्षा विभाग को भेजना है और इस बात का प्रमाण देना है कि वह स्कूल और क्लास में मौजूद हैं। शिक्षा विभाग को सेल्फी भेजते वक्त शिक्षकों को यह भी बतलाना है कि उन्होंने किस समय पर यह सेल्फी लिया है ताकि इस बात का पता चले कि वह स्कूल कितने बजे पहुंचे।
अगर किसी दिन कोई शिक्षक अपनी सेल्फी लेकर शिक्षा विभाग को नहीं भेजेगा तो यह माना जाएगा कि उस दिन वह शिक्षक स्कूल से अनुपस्थित है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।इसी क्रम में कटिहार जिले में सोमवार को इस आदेश को सबसे पहले लागू किया गया और सेल्फी वाले गुरु जी तकरीबन हर स्कूल में देखे गए। सभी शिक्षकों को व्हाट्सएप के जरिए अपनी सेल्फी शिक्षा विभाग को भेजना है।
कटिहार के लगभग 18 सरकारी स्कूलों में सरकार का नया फरमान लागू किया गया। बिहार के आने जिला में भी सरकार के इस नए फरमान को लागू करने का आदेश दे दिया गया है।
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