जबलपुर। मध्यप्रदेश के रीवा में आईपीएस कॉलेज में शैक्षणिक सत्र 2013-14 में पोस्ट मैट्रिक छात्रों की छात्रवृत्ति एवं शिक्षण शुल्क में एक करोड़ रुपए से ज्यादा की अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का मामला आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) रीवा में प्रारम्भिक जांच में था। जांच के बाद आईपीएस कॉलेज रीवा के संचालक तथा शासकीय माधवराव सदाशिवराव महाविद्यालय रीवा के प्राचार्य सहित 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। सोमवार को ईओडब्ल्यू की टीम ने आईपीएस कॉलेज और न्यू साइंस कॉलेज में छापामार कार्रवाई कर दस्तावेज जब्त किए।
शैक्षणिक सत्र 2013-14 में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में जो धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार किया गया था, उसके खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ रीवा ने 2015 में एक प्रारम्भिक जांच पंजीबद्ध की थी। जांच के बाद पाया गया कि आईपीएस कॉलेज के संचालक नीलेश सिंह ने फर्जी छात्रों का प्रवेश दिखाकर एक करोड़ रुपए से ज्यादा की स्कॉलरशिप का पैसा हड़पा है।
नीलेश सिंह सहित तत्कालीन प्राचार्य अंजलि श्रीवास्तव, न्यू साइंस कॉलेज (शासकीय माधवराव सदाशिव महाविद्यालय), सीएल सोनी, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, एसडी सिंह तत्कालीन जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग, ओंकारनाथ कौल, प्रयोगशाला तकनीशियन नोडल कॉलेज शासकीय माधवराव सदाशिव कॉलेज, आरके पाठक प्रभारी लेखापाल सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग विभाग, कनिष्ठ लेखाधिकारी कार्यालय जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग सहित अन्य लोगों के खिलाफ धारा 409, 420,120 बी भादवि तथा धारा 7 सी, 13 (1) ए एवं 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। इस पर आगे की कार्रवाई करते हुए सोमवार को दो कॉलेजों में छापामार कार्रवाई करते हुए दस्तावेज जब्त किए गए।