सिरसा। पुलिस का कहना है कि FUTURE MAKER LIFE CARE PRIVATE LIMITED का कारोबार चिटफंड जैसा नहीं है अत: यह मामला चिटफंड का नहीं है। कंपनी एमवे पेटर्न पर काम कर रही थी। यह उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी का मामला है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार फ्यूचर मेकर के मामले में चिटफंड कंपनी के बने नियमों की जांच की गई है। कंपनी अधिकारियों से भी उनके नियम पूछे गए है। दोनों का मिलान किया जा रहा है, आरंभिक जांच में यह चिटफंड का मामला नहीं है। चिटफंड कंपनियों के लिए जो नियम निर्धारित है, कंपनी उन नियमों पर नहीं है और न ही उन पर रजिस्ट्रेशन है। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आरंभिक जांच में यह धोखाधड़ी का मामला है और इसकी उसी एंगल से जांच की जानी जरूरी है। अधिकारी का मानना है कि यह एमवे के पेटर्न की कंपनी है, इसलिए एक एक नियम का अध्ययन कर जांच आगे बढ़ा रहे हैं।
कंपनी के खिलाफ पहुंची 35 शिकायतें
फतेहाबाद से ट्रांसफर होकर आए फ्यूचर मेकर के मामले में जांच कर रही सिरसा पुलिस के सामने 35 शिकायतें आई है, जिन पर कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायतें है। इन सबकी जांच होगी और शिकायतकर्ताओं को जल्द ही बुलाकर उनसे साक्ष्य हासिल किए जाएंगे और फिर दोनों पक्षों से पूछताछ होगी। इस पूछताछ में पुलिस यह जानने का प्रयास करेगी कि कंपनी ने जो वायदा किया था उसके अनुरूप उपभोक्ता का भुगतान किया गया या नहीं। कंपनी ने किस स्तर पर ठगी की है, सभी रिपोर्टों का मिलान कर उसे मुकदमे में शामिल करेंगे। अधिकारी के अनुसार अलग अलग केस दर्ज करने की बजाय सभी शिकायतों को इकट्ठा कर दिया गया है।
पांच बैंकों से मांग कंपनी खातों की जानकारी
फ्यूचर मेकर कंपनी के गिरफ्तार सीएमडी राधेश्याम व प्रमोटर सुंदर सैनी से हुई पूछताछ के आधार पर कंपनी के खातों की जानकारी जुटाई गई है। एसआइटी के इंचार्ज निरीक्षक दलेराम ने पांच बैंकों को नोटिस दिए है, जिसमें कंपनी के बैंक खातों व वित्तीय लेन देन का विवरण मांगा गया है। बैंकों से दो दिन में विवरण उपलब्ध करवाने को कहा है। हालांकि जिन खातों की जानकारी मांगी गई है वे सब पहले से सील है। एसआइटी की एक टीम दोनों आरोपितों को लेकर गुरुग्राम गई हुई है, वहां कंपनी के दफ्तर, मी¨टग करने के स्थानों की निशानदेही करवाई जा रही है। दोनों आरोपितों को बृहस्पतिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
-----------
इस मामले की बड़ी संजीदगी से जांच कर रहे हैं। एक एक पहलू पर कानूनी राय ले रहे हैं। चिटफंड कंपनी के नियमों का अध्ययन किया गया है। आरंभिक जांच में तो फ्यूचर मेकर चिटफंड कंपनी नहीं कह सकते। इस संबंध में भी विस्तृत रूप से राय ले रहे हैं।
हामिद अख्तर, पुलिस अधीक्षक
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com