क्या आप भी कुछ भी खाते समय चप-चप की आवाज निकालते हैं। अगर ऐसा है, तो ये अच्छी बात नहीं है, क्योंकि ये आवाज आपके साथ बैठे लोगों को इरीटेट करती है। दूसरा ये कि इसे डाइनिंग एटीकेट्स के खिलाफ माना जाता है वहीं तीसरी बात ये कि अगर खाते समय ऐसी आवाज निकालना आपकी आदत बन गई है तो आप मीसोफोनिया जैसी बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं।
वैसे तो ये बताना मुश्किल है कि ऐसी आवाज किस कारण से निकलती है, लेकिन कुछ रिर्सचर्स की मानें तो जो लोग ऑब्सेसिव कंपलसिव डिसऑर्डर या एनजाइटी डिऑर्डर से ग्रसित होते हैं, उनमें खाना खाते वक्त उनके मुंह से ऐसी आवाज आती है। इसके अलावा जो लोग हमेशा नकारात्मक सोचते हैं, उनमें ये समस्या ज्यादा देखी जाती है। साइकोलॉजिस्ट के अनुसार ऐसी आवाज दूसरे को इरीटेट करती है। उनके अनुसार जो लोग हमेशा ही आवाज करते हुए खाना खाते हैं उनकी हार्ट रेट बढ़ जाती है और पसीना भी बहुत आता है।
तो कैसे दूर होगी ये समस्या
इस बीमारी का तुरंत कोई इलाज नहीं है। लेकिन कुछ थैरेपीज की मदद से इस पर कंट्रोल पाया जा सकता है।
कॉग्नेटिव बिहेवियर थैरेपी( Cognitive Behavioural Therapy) - ये थैरेपी लोगों को नकारात्मक भावनाओं से दूर ले जाने में मदद करती है, जिससे खाते समय आवाज करने की समस्या पर कंट्रोल किया जा सकता है।
टिनिटस रीट्रेनिंग थैरेपी (Tinnitus Retraining Therapy) - टीआरटी थैरेपी सिखाती है कि कैसे इन शोर को बेहतर तरीके से सहन कर सकते हैं।
काउंंसिलिंग (counselling) - ये समस्या उक्त व्यक्ति के साथ परिवारवालों को भी परेशान करती है। इसके लिए काउंसिलिंग बेहतर तरीका है। इसके जरिए व्यक्ति के जीवन में मौजूद निगेटिविटी को दूर किया जा सकता है।
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