सभी प्रकार के अध्ययन बताते हैं कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को हृदयघात का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। डॉ. संदीप अत्रे ने बताया कि आखिर ऐसा क्यों होता है। उनका कहना है कि महिलाएं तो अपनी भावनाएं व्यक्त कर देती हैं लेकिन उनके मुकाबले पुरुष अपनी भावनाओं पर नियंत्रण कर लेते हैं। इसी वज़ह से महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में दिल का दौरा आने की ज्यादा आशंकाएं होती हैं। इसलिए इमोशनल इंटेलीजेंस का उपयोग करते हुए जीवन प्रबंधन को बेहतर किया जा सकता है। डॉ. संदीप अत्रे ने "जीवन मूल्य और प्रबंधन' विषय पर माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
रिलेशंस मैनेज करें, इमोशंस भी मैनेज होंगे
उन्होंने कहा कि इमोशन को कंट्रोल न करते हुए उसे रेगुुलेट करना और एक्सप्रेस करना आना चाहिए।
माता-पिता और भाई-बहन के साथ ही नहीं, दादा-दादी, चाचा-चाची, बुआ-फूफाजी, मामा मामी के साथ भी कनेक्ट रहकर संबंध गहरे बनाना चाहिए।
कई बार रिलेशंस मैनेज नहीं कर पाने से इमोशंस भी मैनेज नहीं हो पाते हैं।
इसके अलावा नींद भरपूर ली जाना चाहिए क्योंकि एक दिन नींद नहीं लेने से सोचने की क्षमता 30 प्रतिशत कम हो जाती है।
यह हमारी बायलॉजिकल टेंडेंसी के खिलाफ है जिसके कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
अनुशासन और काम के प्रति गंभीरता भी ज़रूरी है। ये महत्वपूर्ण जीवन मूल्य हैं।
हमेशा कृष्ण जैसे मित्र बनाएं ताकि सही समय पर मदद मिल सके।
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