इंदौर। हार्टअटैक अचानक ही आता है। हृदयघात से पीड़ित व्यक्ति बेहोश होकर गिर जाता है। यदि उसे तत्काल इलाज नहीं मिला तो मौत सुनिश्चित होती है। कई बार मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने में समय लगता है। ऐसे में सीपीआर तकनीक से उसकी जान बचाई जा सकती है। यह कोई भी कर सकता है।
एमवाय हॉस्पिटल के एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख डॉ. केके अरोरा ने बताया। सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रेस्क्यूसाइटेशन) तकनीक कितनी कमाल की है। किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आए यानी उसके हार्ट ने किसी कारण से काम करना बंद कर दिया हो तो:
आप सबसे पहले लिटाकर उसके कंधों पर तेजी से दबाव डालकर देखें कि कोई आवाज आती है या नहीं।
यदि नहीं आती तो मरीज की छाती के केंद्र पर अपनी एक हथेली को रखें और दूसरी हथेली को उस पर रखकर 120 की गति से ऊपर नीचे दबाएं।
1 से 30 तक गिनती 5 बार 120 की गति से करें।
अगर मरीज को होश आ जाता है तो उसको किसी एक करवट पर सुलाएं।
अगर मूर्छित होने के पांच मिनिट के अंदर किसी व्यक्ति को सीपीआर तकनीक दे दी जाए तो उसके बचने की संभावना 25 से 30 फीसदी तक बढ़ जातीं हैं।