इंदौर। पार्षद के खिलाफ ज्यादती का केस दर्ज कराने के लिए एक महिला डेढ़ साल से पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रही थी। थक-हारकर उसने हाई कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने जब मामले में संज्ञान लिया तो पीथमपुर थाना प्रभारी केस दर्ज कर हाजिर हो गए।
अर्जी में महिला ने बताया था कि वह बड़वानी से पीथमपुर काम की तलाश में आई थी। यहां उसकी मित्रता सईदा नामक महिला से हुई। सईदा ने पीथमपुर नगर परिषद के पार्षद पप्पू सिंह उर्फ मनीष पटेल से परिचय कराया। 8 फरवरी 2017 को पप्पू, सईदा, पीड़ित महिला और एक व्यक्ति को महेश्वर घुमाने ले गया। वहां सब ने खाना खाया। उसके बाद सईदा उसका मित्र व पार्षद घूमने चले गए। पीड़ित महिला होटल में ही रुक गई। कुछ समय बाद पार्षद वापस आया और महिला के साथ ज्यादती की।
घटना के कुछ दिन बाद महिला ने पति को जानकारी दी। दोनों एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचे, लेकिन मना कर दिया गया। इसके बाद वे डीआईजी से डीजीपी तक चक्कर लगा चुके, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही थी। बाद में महिला ने अधिवक्ता राकेश भदौरिया के जरिए याचिका लगाई। हाई कोर्ट ने बुधवार को थाना प्रभारी को बुधवार को तलब किया था। टीआई एफआईआर दर्ज कर उसकी प्रति हाई कोर्ट लेकर पहुंचे। अब पार्षद के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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