इंदौर। टिगरिया बादशाह तालाब में शुक्रवार दोपहर एक फरार वारंटी को पकड़ने के लिए पुलिस ने 55 साल के किसान को तालाब में कुदा दिया। अब वो लापता है। उसका शव तक नहीं मिला है। रहवासियों और किसान माणकचंद के भानजे राजा राजौरिया ने आराेप लगाया कि पुलिस को देख जब बदमाश रवि बारीक ने तालाब में छलांग लगाई तो वहीं मामा (किसान) भी थे जो खेत में पानी डालने के लिए तालाब किनारे गए थे। पुलिस ने पूछा-तैरना आता है। हां कहते ही उन्हें बदमाश को पकड़ने के लिए उतार दिया। यहां पर जितेंद्र नाम का एक और बदमाश था। पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
अब एएसपी बोले- शराब पी रहा था, खुद कपड़े उतारकर कूदा
मौके पर पहुंचे एएसपी प्रशांत चौबे ने कहा कि किसान माणकचंद को पुलिस जवानों ने नहीं कुदाया, बल्कि वह खुद अपने कपड़े तालाब किनारे उतारकर कूदा है। एएसपी के मुताबिक वह तालाब किनारे शराब पी रहा था। पुलिस जवानों को आता देख, खुद ही कूद गया। बताते हैं शराब के नशे में पानी में जाने से वह तैर नहीं पाया।
इलाके में तनाव, तीन थानों का बल पहुंचा
घटना के बाद रहवासियों ने पुलिस के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इलाके में तनाव की खबर फैलते ही तीन थानों बाणगंगा, एरोड्रम और हीरानगर थाना प्रभारी बल के साथ पहुंचे। इधर किसान को तलाशने के लिए होमगार्ड के जवानों की रेस्क्यू टीम तालाब में उतारी गई, जो देर रात तक सर्चिंग करती रही।
किसान को डूबता देख बचाने के बजाय भाग गए जवान
रहवासियों का आरोप है करीब 3.30 बजे बाणगंगा पुलिस के कांस्टेबल आकाश और एक अन्य पुलिसकर्मी फरार वारंटी को पकड़ने के लिए पहुंचे थे। किसान के डूबते ही जवान उसे बचाने के बजाय भाग गए।
अपने ही बयान में उलझी पुलिस
एएसपी ने कहा है कि किसान पुलिस से बचने के लिए तालाब में कूदा। उसे कुदाया नहीं गया है। उन्होंने बयान में यह भी कहा है कि तालाब के किनारे उसके कपड़े रखे हुए थे। अब सवाल यह है कि अगर कोई पुलिस से बचने के लिए भागेगा तो क्या वह पहले कपड़े उतारेगा। फिर भागेगा?
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