भोपाल। मध्यप्रदेश में कई मंत्रियों की सीट खतरे में है। वो नई सीटों की तलाश कर रहे हैं लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि सीएम शिवराज सिंह की अपनी विधानसभा सीट बुदनी भी खतरे में है। अर्जुन आर्य नाम के एक लड़के ने किसानों को भड़का रखा है तो एससी/एसटी एक्ट के बाद सवर्ण भी भड़क गए हैं। उन्होंने गांव गांव में पोस्टर टांग दिए हैं।
सीएम शिवराज सिंह की विधानसभा बुदनी में जातिवादी कानून और आरक्षण के विरोध का आलम यह है कि सामान्य जाति बहुल गांवों में ग्रामीणों ने एकजुट होकर चारों दिशाओं में पोस्टर और बैनर लगाकर साफ कर दिया है कि वो इस बार बातों में नहीं आने वाले। विकास का हिसाब किताब भी बाद में पूछ लेंगे, फिलहाल तो यह जानना जरूरी है कि नेताओं का समाज जातिवाद का त्यागेगा या नहीं। ग्रामीणों ने जगह-जगह बैनर लगाकर उन पर लिखा है कि यह गांव सामान्य वर्ग का है। राजनीतिक पार्टियां वोट मांगकर शर्मिंदा न करें। हम अपना वोट 'नोटा' को देंगे।
इससे शिवराज सिंह को क्या खतरा
सीएम शिवराज सिंह का लक्ष्य यहां से कम से कम 1 लाख वोटों के अंतर से जीतना है। तैयारियां 1 साल से चल रहीं हैं। रणनीति तो यह भी है कि कांग्रेस की ओर से डमी को टिकट दिला दिया जाए। सबकुछ ठीक जा रहा था परंतु दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़कर लौटे अर्जुन आर्य ने खेल खराब करना शुरू किया। उसने किसानों की गोलबंदी कर डाली। प्रशासन ने डराने के लिए उसे जेल में डाला तो कांग्रेस उसके पीछे आकर खड़ी हो गई। अब विधानसभा से सवर्ण भड़क गए हैं। उन्होंने पोस्टर लगा दिए हैं। वोट ना देते तो भी ठीक रहता परंतु वो नोटा को वोट देने की बात कर रहे हैं। यहां से इस बार यदि शिवराज सिंह 1 लाख वोटों के अंतर से नहीं जीत पाए तो राजनीति में इसे उनकी हार ही माना जाएगा।
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