शिवराज सिंह इस बार बुधनी से हार जाएंगे: दिग्विजय सिंह | MP ELECTION NEWS

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि विधानसभा चुनाव 2018 में सीएम शिवराज सिंह अपनी जन्मभूमि बुधनी विधानसभा सीट से हार जाएंगे। उन्होंने पंचायत आजतक में बुदनी से इस बार शिवराज सिंह को हराया जा सकता है। यह मैं अपनी नर्मदा यात्रा के अनुभव से कह रहा हूं। बता दें कि नर्मदा यात्रा के दौरान शिवराज सिंह के रिश्तेदारों ने दिग्विजय सिंह का स्वागत किया था। 

गांव में सिर्फ सीएम के घर में बिजली आती है
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं नर्मदा यात्रा कर 104 विधानसभा क्षेत्रों तक गया। हर गांव और कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं से मिला। मैं बुधनी में 11 दिन तक पैदल चला। उन्होंने कहा कि कई पुराने लोग मुझसे मिले। वहां हर कोई जानता है कि केवल एक जैत गांव के लोग ही हैं जो खेती भी लेते हैं और रेत का अवैध खनन भी करते हैं और सारे लेनदेन भी वही करते हैं। शिवराज पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए दिग्विजय ने आगे कहा कि मैं जैत गांव भी गया था वहां के हालात बेहद बुरे हैं। केवल सीएम के परिवार और उनके लोगों के घरों में ही बिजली रहती है, बाकी दूसरे जाति के गांव हैं वहां बिजली नहीं मिलती है।

जिस पार्टी का विधायक होता है, उसी की सरकार बनती है
बता दें कि मध्य प्रदेश की बुधनी विधानसभा सीट सीहोर जिले में आती है। यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह क्षेत्र है। बुधनी में करीब 40 फीसदी आदिवासी वोटर्स हैं। यह सीट 1957 में वजूद में आई थी। बुधनी में 15 चुनाव हुए हैं। इन 15 चुनाव में 6 बार बीजेपी को जीत मिली है तो 5 बार कांग्रेस को जीत मिली है। कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर जीत 1998 में मिली थी। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि चुनाव किसी भी पार्टी ने जीता हो परंतु प्रत्याशी शिवराज सिंह के परिवार और रिश्तेदार ही रहे हैं। 

बुधनी सीट पर शिवराज सिंह
2006 में कांग्रेस के राजकुमार पटेल को 36525 वोटों से हराया। 
2008 में कांग्रेस के महेश सिंह राजपूत को 40000 वोटों से हराया। 
2013 में कांग्रेस के महेंद्र सिंह चौहान को 84 हजार वोटों से हराया। 
2018 में कांग्रेस प्रत्याशी को 1 लाख वोटों से हराने का टारगेट। 

दिग्विजय सिंह के बयान का आधार क्या है
शिवराज सिंह की विधानसभा सीट बुधनी पर इस बार दिग्विजय सिंह ने नई रणनीति से काम किया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट अर्जुन आर्य को यहां सक्रिय किया गया। इस इलाके में 40 हजार आदिवासी वोट हैं। अर्जुन आर्य ने आदिवासी और किसानों पर फोकस किया। उसने शिवराज सिंह के खिलाफ मोर्चा और रैलियां निकालीं। अनशन किए और शिवराज सिंह से नाराज लोगों को एकजुट कर लिया। कहा जा रहा है कि​ दिग्विजय सिंह इस बार अर्जुन आर्य को कांग्रेस से टिकट दिलाने जा रहे हैं। अब तक जितने भी प्रत्याशी शिवराज सिंह के सामने आए वो समाज, जाति और रिश्तेदारी से थे। इस बार बात बदल रही है। 
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