भोपाल। साधु-संतों को मंत्री पद का दर्जा देकर सीएम शिवराज सिंह अजीब सी कशमकश में फंस गए। मध्यप्रदेश में गौ मंत्रालय बनाए जाने की घोषणा से नाराज स्वामी नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा ने ना केवल इस्तीफा दे दिया बल्कि ऐलान भी कर डाला कि वो शिवराज सिंह सरकार के खिलाफ धूनी रमाने जा रहे हैं। यानि वो यह मनोकामना लेकर कठिन तपस्या पर जा रहे हैं कि 2018 के चुनाव में शिवराज सिंह सरकार को हार का मुंह देखना पड़े।
स्वामी नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा का आरोप है कि उन्हें पद तो दिया गया लेकिन मनमाफिक काम करने की इजाजत नहीं दी गई। इसलिए संतों के दबाव में उन्होंने अपना पद छोड़ दिया है। बता दें कि छह महीने पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांच धार्मिक गुरुओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। इनमें नर्मदानंद महाराज, हरिहरनंद महाराज, कंप्यूटर बाबा, भय्यूजी महाराज और पंडित योगेंद्र महंत शामिल थे। इन संतों ने पहले राज्य सरकार के खिलाफ एक विरोध रैली निकालने का ऐलान किया था, जिसके बाद शिवराज सरकार ने इन्हें मंत्री बना दिया था।
इस्तीफा देने के बाद कंप्यूटर बाबा ने कहा, 'हमारा एक सिस्टम है जिसमें सभी संत एकसाथ बैठते हैं और फैसले करते हैं। उनका कहना है कि मैं शिवराज सरकार को कुछ करने नहीं दे रहा। मुझे लगता है वे सही कह रहे हैं। मुझे ऐसा लगा शिवराज धर्म के ठीक विपरीत हैं और धर्म का काम कुछ करना ही नहीं चाहते। इसलिए मैंने इस्तीफा दिया।
कंप्यूटर बाबा ने आगे कहा, मैंने गायों की हालत और नर्मदा में अवैध खनन के बारे में चर्चा की थी लेकिन मुझे कुछ भी करने के लिए इजाजत नहीं दी गई। मैं संतों के विचार सरकार के सामने नहीं रख सका और इसलिए मैं ऐसी सरकार का हिस्सा नहीं बनना चाहता। नर्मदा नदी अच्छी स्थिति में नहीं है, इसके लिए एक मंत्रालय की भी जरूरत है और कई अन्य मंत्रालयों को स्थापित करना होगा।
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