कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में फर्जी वोटर लिस्ट पेश की है: चुनाव आयोग | mp election news

नई दिल्ली। भारत के चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट ने दावा किया है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में जो वोटर लिस्ट पेश की है, वो फर्जी है। उसमें टेंपरिंग की गई है। आयोग ने कमलनाथ के खिलाफ झूठे दस्तावेज पेश करने का मामला दर्ज करने का निवेदन किया है। बता दें कि पिछले दिनों भोपाल की स्पेशल कोर्ट में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ भी कूट रचित दस्तावेज बनाने एक मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे। 

सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने कहा कि कांग्रेस द्वारा हमारी वेबसाइट में मौजूद वोटर लिस्ट में हेर-फेर कर लिस्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया है। जिसके लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस पर फर्जी सबूत पेश कर कोर्ट को गुमराह करने का केस चलना चाहिए। 

कांग्रेस के वकील ने दी सफाई
वहीं फर्जी वोटर लिस्ट मुद्दे पर कमलनाथ के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 'कांग्रेस को यह वोटर लिस्ट एक निजी वेबसाइट में मिली थी। जिसके बाद हमने चुनाव आयोग को भी ये लिस्ट सौंपी थी। जिसके बाद कोर्ट ने आयोग से इस बात की जांच से लिस्ट सौंपे जाने और निजी वेबसाइट के खिलाफ कार्यवाई को लेकर जवाब मांगे हैं। 

याचिका के जरिए चुनाव आयोग को निर्देशित ना करे कांग्रेस
दरअसल,इससे पहले चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया था। चुनाव आयोग ने कमलनाथ की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि कांग्रेस बार-बार सुप्रीम कोर्ट में आकर आयोग की कार्यपद्धति में रुकावट न डाले। चुनाव आयोग ने अपने हलफनामे में कहा था कि कांग्रेस को एक खास अंदाज में चुनाव कराने के दिशानिर्देश जारी न करवाए और चुनाव आयोग कानूनी प्रावधान के तहत ही चुनाव कराता है। आयोग ने कहा था कि किसी याचिका के जरिए चुनाव आयोग को ये निर्देश देने की मांग नहीं की जा सकती कि किस तरीके से चुनाव कराए जाएं। आयोग के मुताबिक याचिका में कोई आधार नहीं है इसलिए सुप्रीम कोर्ट कमलनाथ की याचिका खारिज करे।

चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग
बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग को लेकर कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ और राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुधार की मांग की है। इसके अलावा याचिका में वीवीपीएटी पर्चियों के सत्यापन की भी मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट इलेक्शन कमीशन को निर्देश दे कि EVM में डाले गए वोटों का मिलान VVPAT से कराया जा सके।

कांग्रेस ने फर्जी वोटरों का उठाया था मुद्दा
इससे पहले कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में फर्जी वोटरों का मुद्दा उठाया था। राज्य में कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर आपत्ति जताई थी, वहीं मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने कहा था कि वह जांच कराएगा। इसके लिए आयोग 4 जगहों पर अपनी टीम भेजी थी। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा था कि वह चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेंगे। कमलनाथ ने कहा था कि हम चुनाव आयोग को सबूत देंगे कि राज्य में 60 लाख फर्जी वोटर हैं। ये नाम जानबूझकर लिस्ट में शामिल किए गए हैं। यह प्रशासनिक लापरवाही नहीं, प्रशासनिक दुरुपयोग है।
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