भोपाल। कांग्रेस के भाग्यविधाता और राहुल गांधी के सलहाकारों ने उन्हे मध्यप्रदेश में पसरे जातिवाद का चुनावी फायदा उठाने की ट्रिक सुझाई है। राहुल गांधी मालवा दौरे पर एक साथ सभी जातियों के वोट गप करने की प्लानिंग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वो ब्राह्मणों के आराध्य भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव जाएंगे, तो वहीं आरक्षित जातियों के पूज्य बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली महू का भी दौरा करेंगे। शायद उन्हे बताया गया है कि ऐसा करने से सवर्ण और आरक्षित जातियों के वोट कांग्रेस को मिल जाएंगे।
राहुल गांधी के दौरे से पहले प्रदेश कांग्रेस सह प्रभारी संजय कपूर ने जानापाव और महू पहुंचकर तैयारियों को जायजा लिया। कपूर ने जानापाव में मंदिर की व्यवस्था देखने वाले ब्राह्मणों की समिति के साथ बैठकर भोजन किया। इस दौरान हेलीपेड बनाने की व्यवस्था को भी देखा। इसके बाद उन्होने महू में भी तैयारियों का जायजा लिया।
मालवा में कांग्रेस का सूपड़ा साफ है
सामान्य-35, अनुसूचित जनजाति-22, अनुसूचित जाति 9
बीजेपी के पास सामान्य 32, एसटी 16, एससी 09
कांग्रेस के पास सामान्य 03, एसटी 06, एससी 00
क्या यह रणनीति सफल होगी
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह रणनीति सफल हो जाएगी। दरअसल, मध्यप्रदेश में कोई सदियों पुराना जातिवादी संघर्ष नहीं है। यहां कभी जातिवाद था ही नहीं। कांग्रेस से नाराज कुछ आरक्षित जातियों के लोग भाजपा को वोट देना नहीं चाहते थे, इसलिए बसपा को दे दिया करते थे। इस बार भी जातिवाद नहीं है। बस एक मुद्दा है। प्रमोशन में आरक्षण का मुद्दा। जो पार्टी इस मामले में अपना रुख साफ कर लेगी, उसे एक पक्ष के वोट मिलेंगे और दूसरे पक्ष के कट जाएंगे। इस बार दोनों वर्गों को साध लेना तो 2 नाव पर एक-एक पैर रखकर चलने जैसा है।
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