भोपाल। कल तक अर्जुन आर्य की पहचान दिल्ली यूनिवर्सिटी से पास आउट छात्र के रूप में थी जो शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा बुधनी में किसानों और आदिवासियों की लड़ाई लड़ रहा था परंतु अब वो कांग्रेसी हो गया है। आज अर्जुन आर्य ने कमलनाथ के हाथों कांग्रेस की सदस्यता ले ली।गोटेगांव के पूर्व विधायक शेखर चौधरी भी लौटकर कांग्रेस में आ गए हैं। 2008 में वो टिकट के लालच में भाजपा में चले गए थे। अब उसी टिकट के लालच में लौटकर आ गए हैं।
कौन है अर्जुन आर्य
अर्जुन आर्य बुदनी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ आंदोलन चला रहे थे। अर्जुन दिल्ली विश्वविधालय से पढ़ाई करके बुधनी लौटे हैं। उन्हे शुरू से ही राजनीति का शौक है। पढ़ाई के दौरान ही वो अखिलेश यादव सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं। बुधनी में उन्हे एक अवसर नजर आया और उन्होंने इसका पूरा फायदा भी उठाया। आदिवासियों और शिवराज सिंह से नाराज किसानों के बीच जाकर काम करना शुरू किया। नेता नहीं थे, इसलिए लोगों का भरपूर समर्थन भी मिला। यदि शिवराज सिंह उनकी गतिविधियों पर संज्ञान ना लेते तो शायद वो इतने बड़े नेता भी ना बन पाते।
दिग्विजय सिंह की रणनीति का असर
अर्जुन आर्य की कांग्रेस में ज्वाइनिंग दरअसल, दिग्विजय सिंह की रणनीति का असर है। बुधनी विधानसभा में अब तक जितने भी चुनाव हुए हैं। भाजपा हो या कांग्रेस प्रत्याशी एक ही परिवार के रिश्तेदार रहे हैं। रात के अंधेरे में इस सीट का फैसला शिवराज सिंह का किरार समाज ही कर लेता है। इसलिए यहां कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस जीतती आई है। अर्जुन आर्य के सक्रिय होने के बाद दिग्विजय सिंह को अर्जुन में एक उम्मीद की किरण नजर आई। अर्जुन पहला गैर किरार नेता है जो बुधनी में इतना लोकप्रिय हुआ। शिवराज सिंह की सीट होने के कारण पुलिस ने अर्जुन को उस समय गिरफ्तार किया जब वो किसान आंदोलन के तहत उपवास पर बैठे थे। पुलिस ने उन्हे उपवास करते समय आधीरात को गिरफ्तार कर भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद कर दिया था। बस यहीं दिग्विजय सिंह ने अपना दांव चला और सेंट्रल जेल में अर्जुन आर्य से मिलने गए। उसी दिन तय हो गया था कि अर्जुन अब कांग्रेस के लिए काम करेंगे। बताया जा रहा है कि दिग्विजय सिंह ने ही उनकी जमानत कराई थी।
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