भोपाल। गुटबाजी के चलते कांग्रेस में टिकट की लड़ाई किस स्तर पर पहुंच गई है इसका अनुमान केवल इसी से लगाया जा सकता है कि जिस 'राम वन गमन पथ यात्रा' के माध्यम से भाजपा को राम विरोधी साबित करने की प्लानिंग थी, वो भी स्थगित हो गई। कमलनाथ दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। अब उनके लौटने के बाद ही यात्रा की नई तारीख तय होगी।
कमलनाथ ने बड़े ही जोरशोर के साथ इस यात्रा का ऐलान किया था। इस यात्रा के माध्यम से वो हिंदुवादियों का लुभाने की कोशिश कर रहे थे। भाजपा को राम विरोधी करार दिया जाना था। हालात यह थे कि सीएम शिवराज सिंह भी इसे लेकर चिंतित नजर आ रहे थे। उनका एक सरकारी फैसला इस यात्रा का असर कम करने के लिए ही था। 2 अक्टूबर को चित्रकूट में कामतानाथ मंदिर से यह यात्रा रवाना होकर रामघाट, सती अनुसुइया, गुप्त गोदावरी, स्फटिक शिला होते हुए हनुमान धारा पहुंचने वाली थी लेकिन ऐन मौके पर यात्रा को स्थगित कर दिया गया।
पीसीसी में मौजूद लोग इस स्थगन के पीछे वही घिसापिटा बहाना पितृपक्ष बता रहे हैं। हालांकि पब्लिक सब जानती है कि तारीख तय करने से पहले भी पितृपक्ष का ध्यान रहा होगा। यह अचानक नहीं आया है। मजेदार बात तो यह है कि राम वन गमन पथ यात्रा के लिए गठित कमेटी गठित के प्रदेश प्रभारी रविशंकर शुक्ला तक को पता नहीं था कि यात्रा स्थगित हो गई है। वो प्रेस कॉन्फ्रेस करने जा रहे थे और तब उन्हे पता चला कि यात्रा स्थगित हो गई है।
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