भोपाल। विधानसभा चुनाव में फर्जी वादे ही नहीं, नकली नोट भी चलेंगे। मध्यप्रदेश में सरकारी प्रयासों से उद्योग लगे हों या ना लगे हों परंतु नेताओं की कृपा से नकली नोट छापने का लघुउद्योग जरूर पनप गया है। होशंगाबाद के बाद अब राजगढ़ में भी नकली नोटों का कारखाना पड़ा गया है। यहां से 15 लाख रुपए के नकली नोट मिले हैं।
मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद एक बाऱ फिर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। यहां पुलिस ने दो पिस्टल, एक मैगजीन और 15 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए गए। पुलिस ने इस मामले मे तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले 9 अक्टूबर को राजगढ़ पुलिस ने 31 लाख रुपए 500 व 2000 रुपए के नकली नोटों के साथ पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।
होशंगाबाद से छपकर भोपाल आए नकली नोट पकड़े थे
पुलिस को सूचना मिली थी कि होशंगाबाद से आए तीन युवक भोजपुर में नकली नोट खपाने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस ने घेराबंदी करके सुशील विश्वकर्मा, नासिर खान व रामबाबू मीणा नाम के लोगों पकड़ा। कार की तलाशी में पिस्टल के साथ 2 हजार व पांच सौ के 14.93 लाख के नकली नोट मिले। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बाबई, होशंगाबाद में रईस खान और संतोष राणा नोट छपाई एवं कटिंग का काम करते हैं। पुलिस ने बाबई में दबिश देकर रईस और संतोष को गिरफ्तार किया। पुलिस ने 16.19 लाख की नकली करंसी के साथ लैपटॉप, प्रिंटर, नोट, पेपर, नोटों की प्रिंट की हुई शीट जब्त की। इस गिरोह के दो सदस्य होशंगाबाद निवासी वीरेंद्र पटेल और भोपाल निवासी मुश्ताक फरार हैं।
चुनाव में खर्च करने के लिए पार्टी ने दिया था आॅर्डर
आईजी जयदीप प्रसाद ने बताया कि वीरेंद्र पटेल नोट खपाने व मुश्ताक डिलिंग करने का काम करते हैं। इन सभी की भोपाल की एक पार्टी से तीन करोड़ के नोट छापकर देने की डिलिंग हुई है। आरोपी पिछले एक साल में 40 लाख के नकली नोट छापकर बाजार में सप्लाई कर चुके हैं। पुलिस ने उन पार्टियों और प्रत्याशियों के नामों का खुलासा नहीं किया है जिनके लिए ये नोट छापे जा रहे थे।
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