भोपाल। कटनी के पूर्व विधायक सुनील मिश्रा ने एससी-एसटी एक्ट के विरोध में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था अब एससी-एसटी एक्ट बनाने वाली कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली है। अब कहा जा रहा है कि टिकट के लालच में सुनील मिश्रा ने यह सबकुछ किया। सुर्खियों में आने के लिए उन्होंने एससी-एसटी एक्ट के विरोध का उपयोग किया।
प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को इस्तीफा सौंपने के बाद पत्रकारवार्ता में उन्होंने कहा कि एससी-एसटी एक्ट के विरोध और कटनी के विकास पर ध्यान नहीं देने की वजह से मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। उन दिनों सुनील मिश्रा को काफी लोकप्रियता मिली थी और वो प्रदेश भर की मीडिया में छा गए थे। बता दें कि सुनील मिश्रा मूलत: कांग्रेसी नेता ही हैं। 2014 में कांग्रेस से टिकट ना मिलने से नाराज होकर उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। मिश्रा कटनी महापौर पद का टिकट छीने जाने से नाराज थे। कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन नाम वापसी के दिन चीनी चेलानी को बी फॉर्म दे दिया। मिश्रा को रविवार को भोपाल स्थित पार्टी दफ्तर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने भाजपा की सदस्यता दिलाई थी।
वे 1985 से 1990 तक कांग्रेस के टिकट पर ही विधायक बने थे। फिर सत्तासुख के लालच में वो भाजपा में चले गए। भाजपा ने भी उनका बड़े ही जोश के साथ स्वागत किया था। अब मिश्रा ने आरोप लगाया कि भाजपा में कार्यकर्ता घुट रहा है, उसकी सुनी नहीं जाती। पार्टी में अब जुआ खिलाने वाले, सट्टा चलाने वाले और अवैध रेत खनन करने वालों का दबदबा है। भाजपा का काम जनविरोधी है और लोग प्रताड़ित हो रहे हैं। कटनी के उद्योगों को बचाने के लिए कई बार मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा, लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com