भोपाल। रौशनी का पर्व दीपावली इस बार चुनाव के साए में पड़ रहा है। दीवाली पर चकाचौंध तो रहेगी लेकिन गिफ्ट और बधाई संदेश नहीं होंगे। दीपावली पर नेताओं के बधाई संदेश से लेकर, सोशल मीडिया पर ऑडियो-वीडियो प्रसारित करना इस बार आसान नहीं होगा। दीपावली की आड़ में मतदातओं को लुभाने के लिए इस बार बल्क में मैसेज नहीं भेजे जा सकेंगे।
चुनाव आयोग ने चुनाव आचार संहिता के कारण नेताओं के संदेशों को विज्ञापन की श्रेणी में डाल दिया है। इसके लिए पहले आयोग से सर्टिफिकेशन लेना ज़रूरी है। मतलब दीवाली के बधाई संदेशों के लिए प्रत्याशियों को चुनाव आयोग की मीडिया विज्ञापन प्रमाणन समिति यानि कि एमसीएमसी से की मंज़ूरी लेना होगी।
टीवी, एफएम, थियेटर, सार्वजनिक स्थानों और सोशल मीडिया में ऑडियो वीडियो के लिए प्री-सर्टिफिकेशन ज़रूरी होगा।
बल्क एसएमएस, वॉइस मैसेज के लिए प्री-सर्टिफिकेशन लेना होगा।
मोबाइल से सामान्य एसएमएस, रिकार्डेड संदेश के दुरुपयोग से बचना होगा।
बल्क मैसेज की निगरानी पुलिस करेगी।
बल्क मैसेज का खर्च उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा।
नामांकन दाखिल करते ही प्रत्याशी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी आयोग को देना होगी।
चुनाव के समय प्रत्याशियों के सोशल मीडिया पर नज़र रखने के लिए चुनाव आयोग फेसबुक और ट्वीटर से बातचीत कर रहा है।
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