इंदौर। मप्र विधानसभा चुनाव 2018 में प्रदेश की सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा करने वाली सपाक्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी ने बुधवार को इंदौर में मीडिया से चर्चा की। त्रिवेदी ने कहा कि हमारा संघर्ष किसी जाति, समाज या वर्ग विशेष से नहीं बल्कि जातिगत कानून एवं नियमों से होने भेदभाव और अन्याय से है।
अभय प्रशाल स्थित होलकर ज्ञान मंडपम में मीडिया से चर्चा करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट में 2016 में हुआ संशोधन अंग्रेजों के बनाए रेलेक्स एक्ट जैसे काले कानून की याद दिलाता है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों की उपेक्षा कर 2018 में इसे पुन: स्थापित कर समाज का वर्ग संघर्ष की और धकेलने का का काम किया गया है। केन्द्र सरकार को एक्ट में किए गए संशोधन को तुरंत वापस लेना चाहिए।
यह मांग है सपाक्स की
एससी-एसटी एक्ट के तहत जमानती अपराधों में जमानत का प्रावधान हो। इसके साथ ही एक्ट के तहत दायर प्रकरण गलत साबित होने पर शिकायतकर्ता को अर्थदण्ड एवं सजा का प्रावधान हो।
सपाक्स आरक्षण नीति की समीक्षा चाहती है। आरक्षण इसके वास्तविक हकदार को मिले। जिस परिवार को एक बार लाभ मिलल गया उसे दूसरी बार आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। आरक्षण आर्थिक आधार पर हो। पदोन्नती में आरक्षण समाप्त हो।
शिक्षा में जातीय या अन्य किसी भी आधार पर भेदभााव पूरी तरह बंद होना चाहिए। सभी प्रकार की परीक्षाओं, प्रतियोगी परीक्षाओं की फीस बिना जातिगत भेदभाव के सभी वर्ग के लिए समान रूप से तय की जानी चाहिए।
कृषि जिन्स, दाल-दलहन, तेल-तिलहन, अनाज आदि का आयात बंद हो ताकि किसानों को उनकी फसलों काा वास्तविक मूल्य मिलस सके। सभी वर्ग के किसानों को विभिन्न शासकीय योजनाओं के लाभ आर्थिक आधार पर दिए जाए।
कृषि भूमि एवं आवासीय भवनों के क्रय-विक्रय पर स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन राशि लागत का लगभग 10 फीसदी है जिसे कम किया जाए। बिजली दरों का भी युक्तिकरण किया जाए।
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