आदरणीय महोदय जी, मप्र व्यापमं घोटाले के बाद मप्र शासन ने व्यापमं का नाम बदलकर पीईबी कर दिया है व मप्र में होने वाली परीक्षाओं को आनलाइन कर दिया है परंतु आवेदकों की संख्या अधिक होने के कारण इतने बड़े स्तर पर एकसाथ परीक्षा संचालन संभव न होने से पेपर कई शिफ्टों में होते है जिसके कारण मप्र की भर्तियों में शामिल आवेेेेदक बहुत कठिन प्रतियोगिता का सामना कर रहें है।
साथ ही सबको अलग अलग पेपर मिलता है जिसमें किसी का सरल किसी कठिन होता है व नार्मलाइजेशन होता है जिसमें नंबर घट बड़ जाते है व परिणाम प्रभावित होता है। जिससे आवेदक कठिन परिश्रम के बाद भी असंतुष्ट रहते हैं व कई प्रकार की तकनीकि परेशानियां भी आती है जिसके कारण आवेदकों को दुबारा पेपर का मौका दिया जाता है। जिससे उनको ज्यादा समय व सिलेबस के साथ ही एग्जाम पैटर्न का भी ज्ञान हो जाता है।
इसलिए पीईबी को पुन: आफलाइन वस्तुनिष्ठ परीक्षा लेना शुरू करना चाहिए ताकि किसी भी आवेदक के साथ भेदभाव न हो व सबको एकसाथ एकसा ही पेपर देने का मौका मिले अभी उत्तरप्रदेश टीईटी में भी आफलाइन एग्जाम हो रहा है। जरूरत है पुरानी प्रक्रिया को सुधार के साथ कार्यान्वित करने की। इसके लिए आफलाइन एग्जाम लिया जाए जो कि सीसीटीवी कैमरे की निगरानी मे हो व परीक्षा उपरांत आवेदक की आंसरशीट की स्केनकापी उसकी ईमेल आइडी पर भेज दी जाए।
साथ ही ओरिजनल आंसरशीट तहसीलदार, थानेदार, वरिष्ठ शिक्षाविद्, कालेज प्राचार्य की टीम के निर्देशन में व सीसीटीवी की निगरानी मे पीईबी को भेज दी जाए। इन्ही के निर्देशन में ही आवेदक की आंसरशीट की स्केन कापी भी तत्काल एग्जाम सेंटर से ही ईमेल आईडी पर भेज दी जाए। इससे समय पैसा तो कम खर्च होगा ही आवेदक भी संतुष्ट होगे व अपनी आईडी पर आई आंसरशीट की स्केन कापी से पीईबी की आंसर शीट का मिलान करके सही उत्तर भी जान सकेगे व गलत आंसर में भी सुधार करवा पायेगे इस कार्य के लिए एग्जाम के एक दिन पूर्व दूसरे जिले के अधिकारियों की ड्युटी लगाई जा सकती है। इसमें भ्रष्टाचार की संभावना भी खत्म हो जाएगी।
सादर धन्यवाद आपका
आशीष कुुुमार
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