11 मई 2013 रायसेन अंत्योदय मेले में माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी ने घोषणा की थी कि 2005,08,11 संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देकर संविदा शिक्षक बनाया जाएगा। इस घोषणा कि आशा में प्रदेश के हजारों शिक्षित डीएड, बीएड पास अतिथि शिक्षक वर्षों तक अल्प मानदेय 100 रू प्रतिदिन प्राइमरी, 150 रू प्रतिदिन मिडिल एवं हाईस्कूल, 180 रू प्रतिदिन हायर सेकेन्ड्री वो भी अधिकतम 23 कार्यदिवस मानदेय प्रतिमाह पर निष्ठापूर्वक सेवा देते रहे है पर अब सरकार 25% शिक्षक भर्ती में आरक्षण दे रही है जो कि अपर्याप्त है। आज अतिथि शिक्षक खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। उनके पास परिवार पालने बच्चों को शिक्षा देने तक का पैसा नहीं है। कई अतिथि शिक्षक डिप्रेशन में आत्महत्या कर चुके हैं।
कई साथी 8-10 साल तक अतिथि शिक्षक के रूप में सेवा देते रहे क्योंकि उनको भरोसा था कि माननीय मुख्यमंत्री जी कुछ न कुछ नियम बनाकर उनका भविष्य सुरक्षित करेंगे जैसा कि शासन ने गुरूजी के संबंध में किया था अतिथि शिक्षकों ने अतिअल्प मानदेय पर नियमित शिक्षकों सा कार्य किया जो कि शासकीय विधालयों के परीक्षा परिणाम देखने से साबित होता है।
शासन ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू की है परंतु इसमें में किस विषय के कितने पद स्वीकृत हैं यह स्पष्ट नहीं किया है। क्या यह छलावा नहीं है। जबकि पूर्व भर्तियों में पद स्पष्ट किए जाते थे। सब को संतुष्ट करना असंभव है पर सीएम साहब को अतिथि शिक्षक संबंंधी अपनी घोषणा पूूूूरी करनी चाहिए ताकि जनता का भरोसा सरकार पर बना रहेेे।
सादर धन्यवाद
आपका शुभेच्छु
आशीष बिलथरिया (एम.ए.इग्लिश)
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