बहुत जरूरी ना हो तो कृपया दिल्ली ना जाएं, जहरीली हो गई है हवा | National News

नई दिल्ली। दिल्ली गैस चैंबर बन गई है। हवा भयंकर रूप से जहरीली हो गई है। पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति आवास में भी जहरीली हवा का प्रकोप बना हुआ है। स्कूल बंद करने की नौबत आ गई है। दिल्ली के लोगों को घरों में बंद रहने और एडवाइजरी जारी की गई है कि कृपया पूजा के लिए धूप-अगरबत्ती आदि भी ना जलाएं। अस्थमा के रोगियों के लिए यह हवा साक्षात मौत है। देशवासियों से अपील है कि यदि बहुत जरूरी ना हो तो कृपया दिल्ली ना जाएं। दिल्ली प्रदूषण के ताजा अपडेट प्राप्त करने के लिए कृपया गूगल प्ले स्टोर पर भोपाल समाचार डॉट कॉम सर्च करें एवं मोबाइल एप डाउनलोड करें। 

भारी मात्रा में जलाई गई पराली

केंद्र संचालित ‘सिस्टम आफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च’ (एसएएफएआर) ने वायु गुणवत्ता में आई इस गिरावट के लिए पिछले 24 घंटे में काफी मात्रा में पराली जलाने और हवा के ठहरे रहने को जिम्मेदार ठहराया है। एसएएफएआर के अधिकारियों ने कहा कि वायु में पीएम 2.5 से करीब 28 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने जैसे क्षेत्रीय कारकों के चलते हुआ है। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रॉपिकल मेटियोरोलॉजी (आईआईटीएम) ने उपग्रह से ली गई तस्वीरों में दिल्ली के आसपास के राज्यों में कई स्थानों पर आग लगी देखी है।

धूल से बचाव वाला मास्क भी नाकाफी

सीपीसीबी में वायु गुणवत्ता प्रबंधन डिविजन के पूर्व अतिरिक्त निदेशक डी साहा ने कहा कि गंगा के मैदानी इलाकों के साथ पूरे उत्तर भारत में वायु की गुणवत्ता ‘गंभीर’ से ‘बहुत खराब’ है। एसएएफएआर ने एक परामर्श जारी करके दिल्लीवासियों से कहा है कि बचाव के लिए वे केवल धूल से बचाव वाले मास्क पर ही निर्भर नहीं रहें।

घर में लगाते रहें गीला पोछा, मास्क लगाकर निकलें

इसमें कहा गया कि यदि कमरे में खिड़कियां हैं तो उन्हें बंद कर दें। यदि एयर कंडीशनर में ताजा हवा की सुविधा है तो उसे बंद कर दीजिये तथा कोई भी चीज जलाने से बचें जिसमें लकड़ी, मोमबत्ती और यहां तक कि अगरबत्ती भी शामिल है। परामर्श में समय-समय पर गीला पोछा लगाने और बाहर जाने पर एन..95 या पी..100 मास्क का इस्तेमाल करने को कहा गया है।

राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री के घर भी हवा ‘जहरीली’

दिल्ली की हवा में इतना जहर घुल चुका है कि आम आदमी तो बेहाल है ही.. न प्रधानमंत्री चैन की सांस ले सकते हैं और न राष्ट्रपति। इंडिया गेट पर पीएम 10 की मात्रा 500 के पार है। राष्ट्रपति भवन के सामने पीएम 10 की मात्रा 497 तक पहुंच गई है। संसद के सामने पीएम 10 की मात्रा 497 है।

सुप्रीम कोर्ट को दिखानी पड़ी सख्ती

एयर क्वालिटी इंडेक्स अगर 400 से 500 के बीच हो तो उसे भयावह कहते हैं। ऐसी हवा हर उम्र के लोगों के लिए खतरनाक है। बच्चों की तो जान पर बन आ सकती है। इस भयावह स्थिति से जब देश को चलाने वाले निजात नहीं दिला पा रहे हैं, तब सुप्रीम कोर्ट को ही सख्ती दिखानी पड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर रोक के लिए आदेश जारी किए।

दिल्ली के जुड़े शहरों की हालत भी खराब

हवा में घुले जहर से केवल दिल्ली का दम नहीं घुट रहा, आसपास के शहरों की आबो-हवा भी बेहद खराब है। एक नजर गैस चैंबर बनी दिल्ली के साथ जुड़े शहरों पर डालेंगे तो स्थिति की भयावहता का पता चल जाएगा। अच्छी सेहत के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से कम होना चाहिए. लेकिन गाजियाबाद का AQ 430 पहुंच चुका है। नोएडा का AQ 374, ग्रेटर नोएडा का AQ 385, गुड़गांव का AQ 389 तक पहुंच चुका है। हालात सिर्फ दिल्ली एनसीआर में ही नहीं बिगड़े हैं. कानपुर में तो AQ 422 को छू रहा है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!