नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश, भारत के उना जिले के तहसील घनारी में एक शहर दौलतपुर में हैरान व शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यह सनकी चपरासी द्वारा कारित की गई घटना है। आरोप है कि चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी, अन्य स्टाफ से जलन रखता था और उन्हे मूत्र मिश्रित पानी पिलाता था। एक महिला कर्मचारी ने इसका खुलासा किया। एसएमसी के प्रधान ने लिखित माफीनामा लेकर चपरासी को माफ कर दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक शिक्षण संस्थान का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, कार्यालय के अन्य कर्मचारियों के प्रति खुन्नस रखता था। उसकी सनक इस कदर बढ़ गई कि उसने स्टाफ को पानी पिलाने वाले जग में मूत्र मिश्रित करना शुरू कर दिया। उक्त कर्मचारी 15 दिन रात्रि के समय और 15 दिन के समय ड्यूटी देता था। सुबह इसकी ड्यूटी 9 बजे के करीब समाप्त होती तो यह स्टाफ को पेयजल के लिए रखे बर्तन में मूत्र मिलाकर चला जाता था और जिस दिन खुद ड्यूटी पर होता उस दिन खुद इस घटिया कुकृत्य को अंजाम देता।
महिला कर्मचारी ने पकड़ा तब हुआ खुलासा
गत सप्ताह जब एक महिला कर्मचारी को पानी के जग में कुछ पीले रंग का द्रव्य पदार्थ दिखा तो उसे शक हुआ तो उसने यह बात स्टाफ के वरिष्ठ सदस्यों के समक्ष लाई तो उन्होंने आरोपी कर्मचारी को पूछा तो वह मुकर गया लेकिन स्टाफ ने सारा मामला एस.एम.सी. के प्रधान के समक्ष रखा। थोड़ी सी सख्ती बरतने और मामला पुलिस के समक्ष ले जाने की बात सुनकर उक्त कर्मचारी टूट गया और उसने अपनी गलती भी मानी परन्तु अपने मूत्र की जगह वो उसे गौमूत्र का नाम देने लगा। आरोपी कर्मचारी द्वारा लिखित माफी मांग लिए जाने पर उसे छोड़ दिया गया परन्तु आरोपी कर्मचारी ने पेयजल में गौमूत्र मिलाया या कुछ और इससे स्टाफ सकते में है और अब संस्थान में पानी पीने की बजाय घर से ही बोतल में पानी लाकर पीने को तरजीह दे रहा है।
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