इंदौर। किसी भी चुनाव के दौरान आमतौर पर मतदाताओं के बीच ये बात सुनने को मिलती है कि उन्हें कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है, इसलिए उन्होंने वोट ही नहीं दिया। यही वजह है कि चुनाव में खड़े हुए किसी भी उम्मीदवार को पसंद ना करने की सूरत में चुनाव आयोग द्वारा नन ऑफ दि अबॉव यानि नोटा दबाने का विकल्प भी मतदाताओं को दिया है।
हालांकि मतदान के प्रति जागरुक करने के दौरान जिला प्रशासन द्वारा सामान्य तौर पर नोटा को लेकर ज्यादा प्रचार नहीं किया जाता है, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने मतदाताओं को नोटा के विकल्प की जानकारी देने के साथ ही इसका प्रचार करने के निर्देश जारी किए है। बता दें इंदौर में नौ विधानसभा सीट हैं। पिछली बार सबसे ज्यादा मतदान देपालपुर विधानसभा में तो वहीं सबसे कम मतदान विधानसभा तीन में हुआ था। नोटा के फेवर में सबसे ज्यादा वोट विधानसभा 2 में गिरे थे। इसे देखते हुए कम मतदान वाले क्षेत्रों के साथ ही सबसे ज्यादा नोटा वोटिंग वाले क्षेत्रों में प्रशासन द्वारा नोटा की जानकारी साझा की जाएगी।
एडीएम निधि निवेदिता ने बताया कि इंदौर में अर्बन पॉपुलेशन ज्यादा है। ऐसे में ऐसा भी एक वर्ग हो सकता है जो किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहता हो। ऐसे में चुनाव आयोग से मिले निर्देश के बाद मतदाता जो किसी भी उम्मीवार को पसंद नहीं करते उन्हें नोटा के बारे में जानकारी देने के साथ ही उनमें उसका प्रचार किया जाएगा।
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