इंदौर। पीएसीएल जमीन घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू न पीएसीएल कंपनी, उसकी सहयोगी कंपनियों से जुड़े हुए डायरेक्टर्स के साथ तत्कालीन नलखेड़ा तहसीलदार, पटवारी, उप पंजीयक, स्टॉम्प वेंडर व रजिस्ट्री में बने साक्षी सहित 24 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। आरोप है कि इन सभी ने मिलकर 300 किसानों की जमीनों की फर्जी विक्रय रजिस्ट्री बना ली जबकि किसानों ने जमीन बेची ही नहीं थी। मामला आगर-मालवा जिले का है।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन एसपी राजेश रघुवंशी ने बताया कि साल 2014 में पीएसीएल कंपनी व उसकी सहयोगी कंपनियों द्वारा प्राधिकृत सुखमोहिंदर सिंह ने लगभग 300 किसानों की कृषि भूमि को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तत्कालीन उप पंजीयक शाजापुर से सांठ-गांठ कर फर्जी विक्रय पत्र तैयार कर इन कंपनियों को सौंप दिए थे। किसान इस मामले से बिल्कुल अनजान थे। जब लोढ़ा समिति ने संबंधित किसानों की जमीनों की खरीदी-बिक्री एवं नामंतरण पर रोक लगाई तब किसानों को इस मामले की जानकारी मिली।
जमीन बिकने की जानकारी मिलने के बाद किसानों ने कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों से इसकी शिकायत की। इस संबंध ने तोलाखेड़ी तहसील के आगर निवासी बाबूलाल ने एक शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में करते हुए बताया कि स्वयं की भूमि के फर्जी विक्रय पत्र, जिसे लोढ़ा समिति के वेबसाइट से डाउनलोड कर जब फर्जी दस्तावेजों का सत्यापन उप पंजीयक कार्यालय शाजापुर में करवाने पहुंचे को उनका सत्यापन हीं हुआ और विक्रेता के स्थान पर अन्य व्यक्ति की फोटो लगी पाई गई। इन दस्तावेजों पर गवाह गाता निवासी कालूसिंह का पता लिखा था, जिसकी 2009 में मृत्यू हो चुकी थी, वहीं दूसरे गवाह की जगह अंतर सिंह का नाम था जो गाता में नहीं रहता था।
शिकायतकर्ता की शिकायत पर एसपी राजेश रघुवंशी के निर्देशन में उप पुलिस अधीक्षक अजय केथवास, सउनि अशोक राव, आरक्षक मोहन पाल, विशाल बादल, लोकेंद्र सिंह देवड़ा द्वारा प्रथामिक जांच करवाई गई और प्रतिवेदन मुख्यालय भेजा, जिस पर यह प्रकरण दर्ज हुआ है।
300 किसानों के साथ हुई धोखाधड़ी के इस मामले में सुखमोहिंगर सिहं, चरण सिंह, सीताराम, सुखजीत सिंह, बलजिंदर, गुरमित, मस्करूर रहमान, सुरेश, रामअवतार, सुखबीर सिंह, ताराचंद, हरलाल सिंह, उप पंजीयक शाजापुर पुरण सिंह, तत्कालीन तहसीलदार नलखेड़ा, पटवारी, होकमसिंह, लाल सिंह, गुमान सिंह, रामचंद्र, रक्षित पाटिल, सुसनेर, प्रदीप, व अनवर खान के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120B के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
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