जबलपुर। मध्यप्रदेश के करोड़पति कारोबारी एवं दिग्गज नेताओं के नजदीकी अजीत समदड़िया का राजनैतिक रसूख धरा रह गया। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य शासन द्वारा समदड़िया मॉल के लीज निरस्त करने के आदेश को सही माना है। इसके साथ ही जबलपुर विकास प्राधिकरण(जेडीए) को उसके अधिग्रहण के निर्देश दिए हैं। कहा जाता है कि अजीब समदड़िया के सीएम शिवराज सिंह से भी काफी नजदीकी संबंध थे। उन्होंने रातों रात निगेटिव रिपोर्ट तैयार करने वाले बीडीए के सीईओ को हटवा दिया था।
जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस सुजय पॉल की बेंच ने यह आदेश दिया। मॉल में किराएदारों को अलग से लीज आवंटित की जाएगी। जेडीए और राज्य दोनों की ओर से इस बात पर बल दिया गया कि समदड़िया मॉल की लीज निरस्तगी का निर्णय बिल्कुल उचित है, ऐसा इसलिए क्योंकि जेडीए से लीज हासिल करने से पूर्व राज्य से विधिवत अनुमति लेने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई थी।
सीईओ अवध श्रोत्रिय की रिपोर्ट से शुरू हुआ था विवाद
बीच शहर में बने 7 मंजिला समदड़िया मॉल की लीज निरस्त कर दी गई थी। जबलपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ अवध श्रोत्रिय ने इसके आदेश जारी कर दिए थे। दूसरे दिन अध्यक्ष का अनुमोदन हो पाता इससे पहले ही सीईओ का तबादला हो गया। जबलपुर विकास प्राधिकरण की स्कीम नंबर 18 में 39 हजार 780 वर्गफीट की जमीन पर बने समदड़िया मॉल की जांच जेडीए ने की थी। प्रमोटर स्कीम के तहत यह कामर्शियल काम्प्लेक्स बनाने के लिए 2008 में दी गई जमीन लीज पर दी गई थी।
शिवराज सिंह आए और अवध श्रोत्रिय का ट्रांसफर हो गया
हाईकोर्ट के निर्देश पर हुई जांच के बाद लीज आवंटन के मामले में तत्कालीन अधिकारियों को भी दोषी पाया गया। 20 जनवरी को सीईओ ने कार्रवाई की। 21 जनवरी गुरुवार को लीज निरस्त करने की फाइल जेडीए अध्यक्ष डॉ. विनोद मिश्रा के सामने जानी थी ताकि पजेशन लेने की कार्रवाई की जा सके लेकिन इसी दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नगरागमन हुआ और शासन ने जेडीए सीईओ का तबादला आदेश जारी कर दिया लेकिन विवाद जारी रहा और अब यह फैसला हो गया।
रिटायर्मेंट के 71 दिन पहले किया गया तबादला
जेडीए के सीईओ अवध श्रोत्रिय की सेवानिवृत्ति में महज 71 दिन शेष थे। शासन का नियम है कि सेवानिवृत्ति में यदि एक साल बचा हो तो तबादला सामान्य प्रशासन विभाग नहीं करता। यदि करता भी है तो उसी मुख्यालय में उसे दूसरी पदस्थापना या प्रभार दे दिया जाता है। इस मामले में इस नियम का पालन नहीं हुआ।
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