भोपाल। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा यह बयान दिए जाने के बाद कि एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग नहीं होने देंगे और गिरफ्तारी से पहले मामले की जांच की जाएगी, के तत्काल बाद गृह मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से एक पत्र जारी हुआ जो अब सभी राज्यों तक पहुंच गया है। इस पत्र में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि संसद ने क्या संशोधन किया है।
भारत सरकार की ओर से सभी राज्य सरकारों को जारी पत्र में बताया गया है कि संसद ने एससी/एसटी एक्ट में संशोधन किया है जिसके तहत अब एफआईआर दर्ज करने या आरोपी की गिरफ्तारी से पहले किसी भी अथॉरिटी से मंजूरी लेने के प्रावधान को रद्द कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी एक्ट में किए गए बदलाव को संसद ने 9 अगस्त को संशोधित कर दिया था और कानून अपने पहले के स्वरूप में आ गया था।
शिवराज सिंह का बयान निष्प्रभावी
अनुमान लगाया जा रहा है कि गृहमंत्रालय ने इस पत्र को जारी करके मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान को निष्प्रभावी कर दिया है। मध्यप्रदेश में 2018 के अंत में विधानसभा चुनाव हैं एवं यहां सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन में आरक्षण, नौकरियों एवं अन्य योजनाओं में जाति आधारित आरक्षण व एससी/एसटी एक्ट में हुए संशोधन का जबर्दस्त विरोध हो रहा है।
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