भोपाल। यदि आपको आवश्यक यात्रा पर जाना है। ट्रेनों के कई सारे विकल्प भी नहीं हैं तो मजबूरी हो जाती है कि फ्लेक्सी फेयर सिस्टम के जाल में फंसे हैं और महंगा टिकट खरीदें। किसी भी ग्राहक को फ्लेक्सी फेयर सिस्टम एक 'ठगी' जैसा लगता है। मानो उसकी जरूरत और मजबूरी का नाजायज फायदा उठया जा रहा हो लेकिन रेलवे के फ्लेक्सी फेयर सिस्टम का डिच करने का तरीका मिल गया है। आप भी फ्लेक्सी फेयर के महंगे टिकट से आसानी से बच सकते हैं।
इस उदाहरण से समझिए
आप इंदौर से पुणे जाना चाहते हैं।
रेलवे की प्रीमियम ट्रेन हमसफर एक्सप्रेस ही आपके पास एक विकल्प है।
10 नवम्बर के लिए यदि आप थर्ड एसी का टिकट बुक करते हैं।
इंदौर से पुणे का सामान्य किराया 1410 रुपए है लेकिन फ्लेक्सी फेयर के कारण यह 2095 रुपए में मिल रहा है। वो भी वेटिंग।
लेकिन यदि आप इसी ट्रेन में इंदौर से शोलापुर का टिकट बुक करते हैं तो यह आपको 1630 रुपए में मिल जाएगा। जबकि शोलापुर स्टेशन पुणे से 270 किलोमीटर आगे है।
आपको 465 रुपए की बचत होगी और आप मजे के साथ पुणे उतर जाएंगे।
चौंकाने वाली बात तो यह है कि यदि आप इस ट्रेन के लास्ट स्टेशन लिंगमपल्ली (हैदराबाद) का टिकट बुक करते हैं तो वो भी आपको मात्र 1860 रुपए में मिलेगा। यानि पुणे के टिकट से 235 रुपए कम। जबकि लिंगमपल्ली स्टेशन पुणे से 600 किलोमीटर आगे है।
फ्लेक्सी फेयर से बचने के लिए क्या करना होगा
आप जिस स्टेशन के लिए टिकट बुक कर रहे हैं, उसके आगे वाले स्टेशनों की स्थिति भी जांच लें। बहुत संभावनाएं हैं कि किराया कम हो और बर्थ भी कंफर्म हो जाए।
आप टारगेट स्टेशन के 100 किलोमीटर पहले वाला स्टेशन जांच लें। हो सकता है फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू ही ना हो। सामान्य दर पर टिकट मिल जाए।
एक तरीका यह भी है
फ्लेक्सी फेयर सिस्टम ट्रेन की उसी श्रेणी में लागू होता है जिसमें यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है। ऐसे में आप श्रेणी बदलकर देखें। कई बार थर्ड ऐसी का किराया सेकेंड ऐसी से ज्यादा पाया गया है। पिछली दीपावली पर पुणे से रतलाम का सेकंड एसी का टिकट थर्ड एसी के मुकाबले 900 रुपए सस्ता पड़ रहा था।
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