विदिशा। दशहरा की रात पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में प्रांतीय पुजारी महासभा और धर्माधिकारी मंडल ने अपने तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। शहर के 2 प्रमुख मंदिरों के पट 1 घड़ी यानी 24 मिनट के लिए बंद कर दिए गए और मंगला आरती के दौरान घंटानाद नहीं किया गया। इससे पहले नाराज हिंदू संगठनों ने कलेक्टर/एसपी को हटाए जाने की मांग की थी।
गुरुवार को प्रांतीय पुजारी महासभा और धर्माधिकारी मंडल ने मंदिरों में मंगला आरती के दौरान घंटा नहीं बजाने और एक घड़ी यानी 24 मिनट तक पर्दा नहीं खोलने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद गुरुवार को सुबह रेलवे स्टेशन स्थित श्री राधा-कृष्ण मंदिर और कांच वाले श्री विश्वेश्वर महादेव मंदिर के पर्दे सुबह कुछ समय के लिए बंद रहे। इस कारण यहां श्रद्धालु एक घड़ी तक भगवान के दर्शन नहीं कर सके।
इस संबंध में प्रांतीय पुजारी महासभा के जिलाध्यक्ष पं. संजय पुरोहित ने बताया कि केवल स्टेशन क्षेत्र के 2 मंदिरों के ही पर्दे बंद किए गए थे। शहर के अन्य मंदिरों के पट रोजाना की तरह समय पर खुले और मंगला आरती भी कई। प्रांतीय पुजारी महासभा द्वारा विरोध स्वरूप कलेक्टोरेट में आकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी नहीं सौंपा गया। इससे पहले महासभा द्वारा गुरुवार को मंदिर के पट बंद करने के बाद गुरुवार को दोपहर 12 बजे कलेक्टोरेट पहुंचकर राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन भी देने की बात कही गई थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
बल प्रयोग को बताया धर्म पर ग्रहण
पुजारी महासभा के अध्यक्ष संजय पुरोहित का कहना था कि धार्मिक आयोजन के दौरान पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं पर लाठियां बरसाई गई। यह कृत्य धर्म पर ग्रहण लगाने जैसा है। इसी के विरोध में गुरुवार की सुबह ग्रहण काल मानते हुए मंदिरों में एक घड़ी के लिए भगवान की प्रतिमाओं के सामने लगे पर्दे बंद कर दिए गए। वहीं सुबह आरती में घंटे और शंख का उपयोग नहीं किया। उनका कहना था कि इस धर्म विरोधी कृत्य के लिए दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए।
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