NEW DELHI: लखनऊ में पुलिस के द्वारा विवेक तिवारी की गई हत्या पर राजनीति गर्माती जा रही है। इस मसले पर अब राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने मौजूदा सरकार को आड़े हाथों लिया है। सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि हम इस मसले में परिवार के साथ हैं। सरकार को आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था सुधरनी चाहिए। मायावती ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि योगी राज में ब्राह्मणों का शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर मैं मुख्यमंत्री होती तो मैं पहले पुलिसवालों के खिलाफ एक्शन लेती उसके बाद परिवार से मिलती।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। इस घटना से प्रधानमंत्री की छवि को भी धब्बा लगा है। क्योंकि वह भी उसी राज्य से ही सांसद हैं। यूपी में सिर्फ ठाकुर राज चल रहा है। बता दें कि विपक्ष के अलावा BJP के अपने नेता भी इस मसले पर उत्तर प्रदेश पुलिस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और यूपी बीजेपी के बड़े नेता कलराज मिश्र ने भी इस मसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह विवेक तिवारी की हत्या की गई है, वह बहुत निंदनीय है। ये पुलिस विभाग पर धब्बा है, गोली चलाकर मार देना किस तरह का अधिकार है।
मायावती के अलावा पूर्व CM अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि विवेक तिवारी के मुद्दे को मीडिया ने काफी जोरों से उठाया, मीडिया के दबाव में ही सरकार ने काम किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के ऊपर खुद ही गंभीर धारा लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद चाहते हैं कि लोगों को एनकाउंटर हो, उनकी भाषा होती है कि ठोक दो। सूत्रों से यह खबर भी मिली है कि बीजेपी के 13 विधायकों ने भी इस घटना पर पुलिस की कार्रवाई के प्रति नाराजगी जाहिर की है। सिर्फ इतना ही नहीं इन विधायकों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी भी लिखी है।