भोपाल। पिछले 10 साल से ज्यादा समय से फरार चल रहे भोपाल के मोस्ट वांटेड ठग को गिरफ्तार कर लिया है। पेशे से बिल्डर रहा यह ठग, ना केवल लोगों को प्रॉपर्टी डीलिंग में धोखाधड़ी करके फरार हुआ था बल्कि बाजार के कई दुकानदारों से उधारी भी ले गया था। पुलिस 10 साल से उसकी तलाश कर रही थी।
वारंटी का नाम धर्मेंद्र कुमार जैन है। इसने निर्मल एस्टेट और निर्मल नगर बनाए थे। इसके खिलाफ कई थानों में मामले दर्ज हैं। 100 से ज्यादा स्थाई वारंट लंबित चल रहे थे। इंद्रपुरी निवासी धर्मेंद्र ने 1994 में मिसरोद और खजूरीकलां पिपलानी में निर्मल एस्टेट और निर्मल नगर का निर्माण करवाया था। सैकड़ों लोगों को 600, 800 और 1000 वर्गफीट के मकान बेचे गए। कई दुकानदारों से उसने लाखों का सामान उधार लिया और फरार हो गया। सैकड़ों लोगों ने उसके खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायतें कीं। अलग-अलग अदालतों से उसके खिलाफ वारंट जारी किए गए। आरोपी की अनुपस्थिति पर अदालत ने स्थायी वारंट जारी कर दिए।
दस हजार का इनामी है जैन
भोपाल पुलिस को करीब दस साल से फरार स्थायी वारंटी व दस हजार रुपए के इनामी जैन की तलाश थी। उसके खिलाफ थाना एमपी नगर, पिपलानी, मिसरोद, शाहजहानाबाद समेत अन्य कई थानों में 100 से ज्यादा स्थायी वारंट लंबित थे। पुलिस के मुताबिक वह कुछ दिनों बाद ही सिमकार्ड बदल देता था, इसलिए पुलिस उसे तकनीक की मदद से भी नहीं पकड़ पा रही थी।
पुलिस ने कैसे पकड़ा
एसपी साउथ राहुल लोढा के मुताबिक इससे पहले हुई हर दबिश में वह किसी न किसी तरीके से फरार हो जाता था। पुलिस को पता चला कि इन दिनों वह नोएडा में रहता है, लेकिन परिवार को इलाहाबाद में रखा है। क्राइम ब्रांच के एएसआई कमलेंद्र चौबे को टीम के साथ भेजा गया। टीम यहां से जानकारियां जुटाकर लौट आई। इसके बाद इलाहाबाद पुलिस की मदद से बेटे के स्कूल से मैसेज करवाया गया कि बच्चा पढ़ाई में कमजोर है, इसलिए माता-पिता दोनों को टीचर-पैरेंट्स मीटिंग (पीटीएम) में आना जरूरी है। मैसेज जैन तक पहुंचा और वह इलाहाबाद आ गया। 24 नवंबर को पुलिस को पता चला कि जैन अपने घर आया है और रात में वापस लौटने की बात कर रहा है। इसी बीच पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से उसे पकड़ लिया।