भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा के 14 मंत्रियों के सामने अपने ही पार्टी के नेता निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी के सहारे मैदान में हैं। इनके अलावा भाजपा के तीन मंत्री और 25 विधायक अन्य पार्टियों या बतौर निर्दलीय मैदान में उतरे हैं। पार्टी ने पांच मंत्रियों समेत 54 मौजूदा विधायकों का टिकट राज्य में काटा है।
भाजपा ने करीब 63 बागियों को पार्टी से भी बाहर भी कर दिया है। भाजपा के बागी 25 से 30 सीटों पर नुकसान पहुंचा सकते हैं। वहीं, कांग्रेस को करीब 20 से 25 सीटों पर अपने बागी नेताओं से नुकसान दिख रहा है। राज्य में नाम वापसी की तारीख निकल चुकी है। इसके बावजूद भाजपा-कांग्रेस अपने बागियों को पार्टी में बड़ा ओहदा देकर मनाने की कोशिश में लगे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद वीडियो काॅन्फ्रेंस कर नेताओं को मना रहे हैं। शिवराज सरकार में मंत्री रहे सरताज सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी बेटे को टिकट नहीं से मिलने से बगावत पर उतर आए। उन्होंने अपने बेटे नितिन को सपा से टिकट दिलाया है।
भाजपा के बड़े बागी: पूर्व मंत्री राघवजी, रामकृष्ण कुसमरिया, केएल अग्रवाल, विधायक रेखा यादव, बह्मानंद रत्नाकर, नरेंद्र सिंह कुशवाह, संगीता, नीलम मिश्रा, जीतेंद्र डागा, कमल मर्सकोले। कांग्रेस के बड़े बागी: पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव, राजेश शुक्ला, प्रताप सिंह, साहिब सिंह गुर्जर, प्रदीप जयसवाल, किसान नेता डीपी धाकड़, चिंटू चौकसे, छोटे यादव, बाबूलाल शर्मा।