2019 लोकसभा: RSS के पास मोदी का विकल्प योगी | NATIONAL NEWS

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ राम मंदिर मुद्दे पर एक बार फिर फ्रंटफुट पर आ गया है। उसने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई टालने को अन्याय बताया है तो दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी सरकार पर भी दवाब बना दिया है। अध्यक्ष अमित शाह को मुंबई तलब किया गया। कहा जा रहा है कि मोहन भागवत ने स्पष्ट कह दिया है कि राम मंदिर मुद्दे को अब टाला नहीं जा सकता। या तो कोई रास्ता निकालें या हम विकल्प पर विचार करेंगे। इधर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का कद तेजी से बढ़ता जा रहा है। वो अयोध्या में दुनिया की सबसे ऊंची श्रीराम प्रतिमा का ऐलान करने वाले हैं। आरएसएस उन्हे मोदी के विकल्प के रूप में देख रहा है। लोकप्रियता के मामले में योगी, मोदी के बाद नंबर 2 पर चल रहे हैं। 

वरिष्ठ पत्रकार वेंकटेश केसरी ने ईटीवी से कहा कि देश में जब से बीजेपी आई है तब से उनके ध्रुवीकरण की राजनीति शुरू कर दी गई। उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 71 सीटें मिली थी, इतनी ज्यादा सीटें बीजेपी को राम लहर में भी नहीं मिली थी। अब बीजेपी सत्ता में है और अब ऐसे में वोटर किसको अपना नेता चुनेंगे यह देखना दिलचस्प होगा।

योगी अगले चुनाव में होंगे पीएम के दावेदार
वेंकटेश केसरी ने कहा कि सीएम योगी बीजेपी के स्टार कैंपेनर हैं लेकिन बीते साल उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव में बीजेपी को तीनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में यदि बीजेपी इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में दोबारा 70 से अधिक सीटें लाने में कामयाब हो जाती है तो इसका श्रेय मोदी-शाह लेंगे लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि इसके बाद योगी आदित्यनाथ की दावेदारी प्रधानमंत्री पद के लिए बढ़ेगी।

अयोध्या में बनेगी भगवान राम की प्रतिमा
बता दें कि सरयू में प्रस्तावित भगवान राम की प्रतिमा की ऊंचाई 151 मीटर होगी जो विश्व की तीसरी सबसे बड़ी प्रतिमा होगी। सूत्रों की मानें तो मूर्ति बनाने में लगभग 400 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। शुक्रवार को यूपी भाजपा अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडे ने इस बात के संकेत देते हुए कहा था कि दिवाली के मौके पर मुख्यमंत्री अयोध्या को लेकर कुछ खुशखबरी जरूर देंगे।

जनवरी में होगी राम मंदिर पर सुनवाई
पिछले हफ्ते राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि स्वाभाविक रूप से अगर न्याय में देरी होती है तो लोगों को निराशा होती है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 30 अक्टूबर को हुई मामले की सुनवाई टल गई थी. अब जनवरी में तय होगा कि सुनवाई कब होगी।
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