भोपाल। राजनीति में वंशवाद और परिवारवाद का विरोध करके संगठित हुए भारतीय जनता पार्टी में अब कार्यकर्ता की कोई वेल्यू नहीं रह गई है। आज जारी हुई लिस्ट में ज्यादातर विधायकों को टिकट दे दिए गए हैं। भारी विरोध या गुटबाजी के चलते कुछ टिकट कटे हैं। इधर उत्तराधिकार के चलते 3 विधायकों के टिकट उनके बेटों को दे दिए गए। इसके अलावा 2 नेतापुत्रों को भी टिकट दिए गए हैं।
मंत्री गौरीशंकर शेजवार की जगह उनके बेटे मुदित शेजवार सांची से।
रामपुर बाघेलान से विधायक-मंत्री हर्ष सिंह के बेटे विक्रम सिंह
चंदला से विधायक आरडी प्रजापति के बेटे राकेश प्रजापति।
सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के बेटे सुधीर यादव को सुरखी से।
पूर्व मंत्री अखंड प्रताप सिंह के बेटे अभय यादव पृथ्वीपुर।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि बची हुई सीटों पर कई नाम ऐसे हैं जो या तो नेतापुत्र हैं या फिर उत्तराधिकार नियम के तहत पिता की सीट पर टिकट लेकर आने वाले हैं। 'कार्यकर्ता ही सर्वोपरि' का नारा दोहरा रहे कैलाश विजयवर्गीय ने तो 2013 में ही उत्तराधिकार की कोशिश की थी। सफल नहीं हुई। इस बार जिद पकड़ ली है।
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