कमलनाथ पर बड़े हमले की तैयारी, विस की 8 और लोकसभा सीट पर भी नजर | MP NEWS

छिंदवाड़ा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कमलनाथ पर बड़े हमले की प्लानिंग कर ली है। उनकी नजर ना केवल छिंदवाड़ा की 8 विधानसभा सीटों पर है बल्कि लोकसभा सीट पर भी है। यदि अमित शाह सफल हो गए तो कमलनाथ का करियर चौपट हो जाएगा। हालांकि, कमलनाथ विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन छिंदवाड़ा की हर सीट से उन्हीं को प्रत्याशी माना जा रहा है। बीजेपी अगले 8 दिन तक इस इलाके में अपने बड़े नेताओं को घुमाने वाली है। मोदी के बाद शाह और उनकी टीम के अन्य लोग भी यहां आएंगे। उल्लेखनीय है कि अमित शाह ने करीब दो साल पहले बीजेपी के प्रदेश नेताओं से कहा था कि 2019 में उन्हें प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें चाहिए। 2014 में बीजेपी 27 सीटें जीती थी। सिर्फ छिंदवाड़ा और गुना में उसे हार का सामना करना पड़ा था और बाद में झाबुआ उपचुनाव भी हार गई थी। छिंदवाड़ा और गुना कांग्रेस के अभेद्य किले माने जाते हैं। अमित शाह ने तब अपने नेताओं की ड्यूटी भी गुना और छिंदवाड़ा में लगाई थी। गुना में प्रभात झा तबसे ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। 

कमलनाथ के इलाके में कद्दावर बीजेपी नेताओं के दौरे 

कमलनाथ के इलाके में उत्तर प्रदेश के नेताओं की ड्यूटी लगी थी। जहां तक कमलनाथ का सवाल है वह 1980 से छिंदवाड़ा के सांसद हैं। इंदिरा गांधी अपना तीसरा बेटा बता कर उन्हें छिंदवाड़ा लाई थीं। 1997 के एक उपचुनाव को छोड़कर कमलनाथ हमेशा जीतते रहे हैं। विधानसभा सीटों पर लंबे समय से बीजेपी कांग्रेस को कड़ी टक्कर देती रही है। 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 7 में 4 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को मात्र 3 सीटें ही मिल पाई थीं और पहले भी यही स्थिति रही थी। 

दरअसल मोदी और शाह कमलनाथ को छिंदवाड़ा में हराकर उन्हें कमजोर करना चाहते हैं इसलिए खुद नरेंद्र मोदी उनके खिलाफ मुहिम शुरू कर के गए हैं। अगले एक सप्ताह में नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अलावा अदाकारा हेमा मालिनी और स्मृति ईरानी छिंदवाड़ा आने वाली हैं। मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह अब तक तीन बार छिंदवाड़ा आ चुके हैं। 

छिंदवाड़ा में बीजेपी ने झोंकी पूरी ताकत 

स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार सुधीर दुबे कहते हैं, 'ऐसा पहली बार हो रहा है जब बीजेपी छिंदवाड़ा में इतनी ताकत झोंक रही है। पहले के चुनावों में ऐसा कभी नहीं हुआ। जिस तरह प्रधानमंत्री ने रविवार को छिंदवाड़ा की स्थानीय योजनाओं का जिक्र किया और जिस तरह कमलनाथ पर आक्षेप लगाए वह पहली बार हुआ है। लग रहा है कि चुनाव भले ही विधानसभा को हो पर निशाने पर कमलनाथ ही हैं।' 

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