इंदौर। 1964 से अब तक देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ( Devi Ahilya University ) से LLB करने वाले ADVOCATE की मार्कशीट की जांच हो रही है। सत्यापन का काम बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने विवि प्रशासन को सौंपा है। सूची में लगभग 500 से ज्यादा वकीलों के नाम हैं। इनका रिकॉर्ड खंगालने में विवि प्रशासन को पसीना आ रहा है, क्योंकि 1975 से पहले के दस्तावेजों की स्थिति बेहद खराब है। इसे लेकर विवि के अधिकारियों ने बीसीआई को समय बढ़ाने की गुहार लगाई है।
10 नवंबर को बीआरआई की तरफ से विवि को पत्र लिखा गया, जिसमें 1964 से 2018 के बीच एलएलबी करने वाले वकीलों की मार्कशीट जांचने को कहा गया है। 20 दिन में यह काम करना है। सत्यापन के लिए 500 नाम दिए हैं। 1964 से 1980 के बीच एलएलबी करने वालों की सबसे ज्यादा संख्या है। इनका रिकॉर्ड खंगलाने में विश्वविद्यालय को काफी मशक्कत करना पड़ रही है। बताया जाता है कि रिकॉर्ड काफी पुराना हो चुका है। जिसका सत्यापन करने में काफी सावधानी बरतना पड़ रही है। कारण यह है कि पहले रिकॉर्ड मैन्युअल तैयार किया जाता था। इतना ही नहीं कुछ रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है। इसके चलते 15-20 साल पहले एलएलबी कर चुके विद्यार्थियों की मार्कशीट सत्यापित कर भेज दी है।
परीक्षा विभाग के डिप्टी रजिस्ट्रार प्रज्ज्वल खरे ने बताया कि बीसीआई की तरफ से सूची मिली है। उसके आधार पर वेरीफिकेशन का काम किया जा रहा है, जिसमें 54 साल पहले एलएलबी करने वालों के बारे में पूछा है। एलएलबी करने के बाद बीसीआई में रजिस्टर्ड हुए वकीलों व सदस्यों की मार्कशीट पहली बार सत्यापित करवाई जा रही है। देवी अहिल्या विवि के अलावा प्रदेश के बाकी विश्वविद्यालय को भी सूची भेजी है। हालांकि दिसंबर में और सूची आ सकती है। माना जा रहा है कि डीएवीवी को लगभग पांच हजार विद्यार्थियों की मार्कशीट की जांच करना पड़ सकती है।