भोपाल। लो फ्लोर बस से महिला का पर्स व मंगलसूत्र चोरी होने के मामले की उपभोक्ता फोरम( Consumer Forum) में गुरुवार को सुनवाई हुई। फोरम ने भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) के प्रबंधक को मंगलसूत्र की कीमत 60 हजार, पर्स में रखे 1 हजार और मानसिक पीड़ा के लिए 25 हजार रुपए हर्जाना देने के आदेश दिए। सुनवाई फोरम के अध्यक्ष आरके भावे और सदस्य सुनील श्रीवास्तव ने की।
विवेकानंद कॉलोनी करोंद निवासी मंजू शर्मा ने 22 अप्रैल 2016 को फोरम में बीसीएलएल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। मंजू की एडवोकेट संगीता मोहर्रिर ने बताया था मंजू 21 फरवरी को लो फ्लोर बस एमपी-04, पीए-1336 में शाम 7 बजे रंगमहल बस स्टॉप से करोंद जाने के लिए सवार हुई थीं। जगह न मिलने के कारण उन्हें खड़े होकर सफर करना पड़ा। जहांगीराबाद बस स्टॉप के पास जब कंडक्टर ने उनसे टिकट के पैसे मांगे तो उन्होंने बैग से अपना पर्स निकालना चाहा, लेकिन पर्स नहीं था। उन्होंने तुरंत पर्स चोरी होने और संदिग्धों की तलाशी लेने के लिए कंडक्टर से कहा, लेकिन न तो कंडक्टर ने और न ही ड्राइवर ने बस रोकी। उन्होंने डायल 100 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। भारत टॉकीज चौराहे के पास बस को रोका गया। इसके बाद उन्होंने जहांगीराबाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई।
बीसीएलएल की ओर से एडवोकेट वीके जैन ने पैरवी की। सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि बीसीएलएल ने बसों के संचालन का जिम्मा 2 नवंबर 2010 को मेसर्स प्रसन्ना पर्पल मोबिलिटी सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड पुणे को दिया था। इसलिए आवेदिका को प्रसन्ना के खिलाफ परिवाद दायर करना था। उनका आवेदिका के प्रति कोई दायित्व नहीं बनता है।
बसों में यात्रियों की सुरक्षा का दायित्व बीसीएलएल का भी
बेंच ने कहा कि माना कि प्रसन्ना पर्पल को मामले में पक्षकार नहीं बनाया, लेकिन लो फ्लोर बीसीएलएल के स्वामित्व में आती हैं। बसों में यात्रियों की सुरक्षा का दायित्व उसका भी है। बसों में लगे सुरक्षा उपकरणों की जांच उसे करनी चाहिए थी। ऐसे में सिर्फ बसों को अनुबंध पर देने मात्र से बीसीएलएल अपने दायित्व से पल्ला नहीं झाड़ सकती। इसके बाद फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया।