भोपाल।
मध्यप्रदेश चुनाव के दौरान ग्वालियर में भारतीय जनता पार्टी ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशाल आमसभा का आयोजन किया है। इस तरह की
चुनावी सभाएं सिर्फ एक ही लक्ष्य के लिए होतीं हैं, नाराज और कंफ्यूज
मतदाताओं को अपने नेता के सामने लाकर खड़ा कर देना ताकि फायदा हो। कहते हैं
पीएम नरेंद्र मोदी को लाइव सुनने के लिए लोग हजारों किलोमीटर का सफर करते
हैं परंतु मप्र में भाजपा को मोदी की लोकप्रियता पर भरोसा नहीं है। 20
उम्मीदवारों को भीड़ जुटाने का टारगेट सौंपा गया है। संगठन के पदाधिकारियों
में क्षमता नहीं है कि वो जनता को जुटा पाएं।
ग्वालियर-चंबल
अंचल में इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए मशक्क्त के हालात बन
चुके हैं। अंचल की 34 में से 20 सीटें बीजेपी के पास हैं जबकि 12 सीटें
कांग्रेस के पास हैं। वहीं दो सीटों पर बीएसपी का कब्जा हैं। इस बार अंचल
में कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी के सामने ज्यादा संकट है।
अंचल
की 34 में से 10 सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों के खिलाफ बागियों ने ताल
ठोक रखी है। ग्वालियर शहर के मेला मैदान पर होने वाली प्रधानमंत्री की सभा
में ग्वालियर सहित चार जिलों के बीस प्रत्याश मौजूद रहेंगे। प्रत्येक
प्रत्याशी को अपने इलाके से 15 हजार कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाने का टारगेट
दिया है। वहीं सभा पर कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी के तीन लाख की भीड़
जुटाने के दावे खोखले हैं। कांग्रेस का दावा है कि जिस तरह से कांग्रेस के
प्रत्याशियों को इस बार प्रदेश में जनता का स्नेह मिल रहा है उससे बीजेपी
हताश और निराश है।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही
पार्टियों के लिए भोपाल तक सत्ता का रास्ता ग्वालियर-चंबल अंचल से होकर
जाता है। लिहाजा इस चुनाव में बीजेपी जहां 20 सीटें जीतने का अपना पिछला
रिकॉर्ड बरकरार रखने की मशक्कत कर रही है, तो वहीं कांग्रेस बेहतर माहौल
मानकर अपने विधायकों की तादाद 12 से बढ़ाने की कोशिश में जुटी है। बहरहाल
दोनों ही पार्टियों की नजर मोदी की सभा पर टिकी है।