भोपाल। भाजपा में टिकटों का घमासान तेज हो गया है। भोपाल की गोविंदपुरा सीट से दावेदारी कर रहीं कृष्णा गौर के बाद अब मौजूदा विधायक और उनके ससुर बाबूलाल गौर भी खुलकर सामने आ गए हैं। गौर ने कहा, "पार्टी ने मुझसे पहले सीएम पद छीना। इसके बाद सीएम ने मेरा मंत्री पद छीन लिया। इतने में भी मन नहीं भरा तो अब मेरा टिकट काटने की जुगत भिड़ा रहे हैं। ये मेरा अपमान है? मैं पहले ही कह चुका हूं कि भाजपा से टिकट नहीं मिला तो बहू कृष्णा गोविंदपुरा से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी। मैं भी हुजूर से निर्दलीय लड़ने पर विचार कर रहा हूं।" भाजपा ने शुक्रवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इसमें 176 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए। गोविंदपुरा और इंदौर की सीटों को होल्ड किया गया।
इधर, दावेदारों के बागी तेवरों को देखते हुए भाजपा ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार रात कृष्णा गौर से चर्चा कर उन्हें मनाने का प्रयास किया। इससे पहले सीएम हाउस में दोपहर करीब दो बजे से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, चुनाव अभियान समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच पांच घंटे तक लंबी चर्चा हुई।
गोविंदपुरा में संघ की सक्रियता बढ़ी
इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से गोविंदपुरा में सक्रियता बढ़ा दी गई है। गौर परिवार के तेवरों को देखते हुए सभी कार्यकर्ताओं को टटोला जा रहा है। गोविंदपुरा से कृष्णा के अलावा भाजपा के प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा और महापौर अालोक शर्मा प्रबल दावेदार हैं। एक दिन पहले कृष्णा ने भी कहा था कि यदि पार्टी टिकट नहीं देती है तो वे इस्तीफा देकर चुनाव लड़ेंगी।
गौर ने कहा- कृष्णा जल्द पर्चा भरेंगी:
गौर ने कहा कि सोमवार या मंगलवार को कृष्णा गौर पहले पर्चा भरेंगी। इसके एक-दो दिनों बाद वे हुजूर से पर्चा दाखिल करेंगे। गौर ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का शनिवार को उनके पास फोन आया था। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि वे पार्टी में बात करेंगे। मैंने उनसे कह दिया है कि अब सब आपके हाथ में हैं। गौर ने कहा कि मैंने इतने साल पार्टी की सेवा की, मुझे क्या मिला। मैंने जनता के बीच अपनी पहचान बनाई।