भोपाल। भाजपा और भोपाल के अजेय विधायक बाबूलाल गौर अब ताल ठोकने के मूड में आ गए हैं। 10 बार से लगातार जीतते आ रहे बाबूलाल गौर का टिकट बिना किसी कारण के काट दिया गया। पार्टी नेताओं ने उनकी वृद्धावस्था का बहाना बनाया है परंतु वो अपनी उम्र को अपनी कमजोरी मानने को तैयार नहीं हैं। पार्टी उन्हे वीआरएस देने पर तुली है और वो राजनीति से सन्यास लेने के कतई मूड में नहीं हैं। उनका ऐलानिया बयान सामने आ चुका है। या तो पार्टी एक सीट से टिकट दे दे नहीं तो भोपाल की 2 सीटों के गणित गड़बड़ा दिए जाएंगे। वो कृष्णा बहू को गोविंदपुरा से और खुद हुजूर से निर्दलीय लड़ने का मन बना चुके हैं।
बाबूलाल गौर और उनकी बहू कृष्णा गौर ने आज भोपाल में नामांकन फॉर्म खरीदा। बाबूलाल गौर गोविंदपुरा सीट से कृष्णा को टिकट दिलाना चाहते हैं। पिछले दिनों भाजपा ने 176 उम्मीदवारों के नामों का एलान किया था लेकिन उसमें गोविंदपुरा सीट का नाम नहीं था। इस सीट को होल्ड पर रखा गया है।
दरअसर, भाजपा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। वह अपनी बढ़ती उम्र के बावजूद चुनाव लड़ना चाहते हैं। वह अपनी बहू कृष्णा गौर को गोविंदपुरा सीट पर लड़ाना चाहते हैं। गोविंदपुरा विधानसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। यहां से 88 साल के बाबूलाल गौर दशकों तक चुने जाते रहे हैं।
इस सीट पर कई दावेदार हैं। हालांकि भाजपा ने अभी इसके लिए किसी का नाम फाइनल नहीं किया है। गौर ने अपना पहला चुनाव निर्दलीय के तौर पर लड़ा था और वह इसी सीट से 10 बार विधायक बन चुके हैं। कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था, अगर हमें टिकट नहीं मिला तो मैं और कृष्णा जी अलग-अलग सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
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