भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के सांसद एवं वरिष्ठ नेता प्रभात झा अब शब्दों के नए मायने गढ़ रहे हैं। उन्होंने ऐलान कर दिया है कि 'ऐसी की तैसी गाली' गाली नहीं होती। हालांकि श्री झा ने यह नहीं बताया कि 'ऐसी की तैसी' को केवल उन्होंने सभ्य शब्दों की सूची में शामिल किया है या पूरी भाजपा ने कर लिया है। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि देश में 'ऐसी की तैसी' को सभ्य शब्द माना जाए इसके लिए अधिसूचना कब जारी हुई।
दिग्विजय सिंह, राज बब्बर, विलास राव मुत्तेवार और प्रियंका चतुर्वेदी की शिकायत करने निर्वाचन आयोग पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा के खुद के बोल बिगाड़ गए। कांग्रेस नेता राजबब्बर को झा ने कहा यहां क्यो 'ऐसी तैसी' कराने आए है। पत्रकारों ने जब झा से उनके अपशब्द पर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा कि 'ऐसी की तैसी' गाली नहीं होती यह अपशब्द नहीं है।
Raj Babbar ने ऐसा क्या कह दिया, यहां पढ़ें
गुरूवार 22 नवम्बर 2018 को कांग्रेस सांसद राज बब्बर ने कहा था कि डॉलर के मुकाबले रुपया का मूल्य गिर रहा है। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले अपने भाषणों में कहते थे कि डॉलर के मुकाबले रुपया इतना गिर गया है कि उसकी उम्र प्रधानमंत्री (तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह) के करीब जा रहा है। प्रधानमंत्री महोदय, आपने तो इज्जत से नाम नहीं लिया, लेकिन हम कहना चाहेंगे कि अब रुपया आपकी पूज्यनीय माता जी की उम्र के करीब पहुंच गया है।