ग्वालियर। शहर में खुदकुशी करने का सिलसिला थम नहीं रहा है। शुक्रवार को बीएसएनएल के एसडीओ ने तिघरा में कूद कर जान दे दी। वह सुबह घर से आॅफिस के लिए निकले, लेकिन वहां नहीं पहुंचे। दोपहर में पत्नी खाना लेकर आॅफिस पहुंचीं तो वह वहां नहीं थे। उनका फोन भी नहीं उठ रहा था। तब आॅफिस के साथी ने एसडीओ के मोबाइल पर कॉल किया। दो-तीन कॉल के बाद फोन तिघरा थाने के एसआई गंभीर सिंह ने उठाया।
बताया कि एक स्कूटी व बैग तिघरा बांध में सड़क पर रखे मिले हैं। बैग में आईडी, मोबाइल, दवा और एक सुसाइड नोट है। यह सूचना मिलने के बाद परिजन तिघरा पहुंचे। बैग में मिले सुसाइड नोट में एसडीओ ने लिखा है कि मेरा समय समाप्त हो गया है, अब मैं जा रहा हूं। उन्होंने सुसाइड नोट में ससुराल पक्ष पर 25 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाने और लालची व शराबी बताकर बदनाम करने का आरोप लगाया है।
बीएसएनएल के जयेंद्रगंज क्षेत्र के एसडीओ धर्मेंद्र शर्मा पुत्र बाबूराम शर्मा (42) निवासी नर्मदा काॅलोनी, मुरार शुक्रवार को ऑफिस नहीं पहुंचे थे। सुबह लगभग 11 बजे अचलेश्वर कार्यालय से उनके साथियों ने उनके मोबाइल पर कॉल किया तब उन्होंने बताया कि अभी बैंक में हूं, थोड़ी देर में पहुंचता हूं। वह इसके बाद भी नहीं पहुंचे। दोपहर एक बजे के बाद धर्मेंद्र की पत्नी संध्या शर्मा उन्हें खाना देने पहुंचीं। वह दफ्तर में नहीं थे औैर उनका फोन भी नहीं उठ रहा था।
ऑफिस से उनके साथी और अफसर प्रमोद बित्थरिया ने कॉल किया, तब फोन तिघरा थाने के हवालदार ने उठाया और धर्मेंद्र द्वारा सुसाइड किए जाने की सूचना दी। सूचना के बाद उनके परिजन व बीएसएनएल के अफसर मौके पर पहुंचे और शव की शिनाख्त कर शाम को 5 बजे के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
यह लिखा है सुसाइड नोट में
मेरा समय अब समाप्त हो गया है, मैं अब जा रहा हूं। शराब न पीने वाले लोग बहुत अच्छे होते हैं, मुझे शराब पीने का आदी बताकर और लालची बताकर सभी ने बदनाम किया। ससुराल पक्ष के कारण मुझे 25 लाख रुपए का नुकसान हो गया, मुझे लगातार बहुत परेशान किया जा रहा है इसलिए जिंदगी अब जी नहीं सकता।
मनोचिकित्सक से चल रहा था इलाज
धर्मेंद्र शर्मा के ससुर गोकरन शर्मा एसएएफ की 14वीं बटालियन से सहायक कमांडेंट के पद से सेवानिवृत्त हैं। धर्मेंद्र ने प्रेम विवाह किया था और उनकी एक 12 वर्ष की बेटी है। मृतक के परिजन व आॅफिस के साथियों के अनुसार, धर्मेंद्र विगत तीन-चार माह से अधिक तनाव में थे। उनका मनोचिकित्सक डॉ. मुकेश चुगलानी से इलाज भी चल रहा था।
मंदिर के बाबा ने दी थी शव पड़े होने की सूचना
तिघरा थाने पर एसआई गंभीर सिंह को तिघरा पर स्थित मंदिर के बाबा ने स्कूटी व बैग सड़क पर रखा होने और बांध के पानी में शव दिखने की सूचना दी। फोन आने पर धर्मेंद्र के परिजन को सूचना दी। धर्मेंद्र के भाई सचिन व ससुर गोकरन शर्मा तिघरा पहुंचे और शव को निकलवाकर पीएम पहुंचाया।