बुरहानपुर। नेपानगर विधानसभा सीट पर भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज गन सिंह पटेल ने बगावत कर दी। शिवसेना की सदस्यता लेकर सार्वजनिक तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया। इससे पहले सांसद नंदकुमारसिंह चौहान, पूर्व विधायक रामदास शिवहरे, मप्र फेडरेशन अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटील उन्हें सरस्वती नगर स्थित जिला पंचायत उपाध्यक्ष अश्विनी शिवहरे के घर मनाने भी पहुंचे थे।
मीडिया से चर्चा में नेपानगर से कद्दावर आदिवासी नेता गनसिंह पटेल ने कहा - नंदू भैया ने मेरे साथ गद्दारी की। 2008 और 2013 में मैने टिकट मांगा, लेकिन दोनों बार राजेंद्र भाई को विधायक बनाकर, मुझे विश्वास दिलाया कि अगला टिकट मुझे देंगे। 2016 में राजेंद्र भाई की दुर्घटना में मौत हो गई। उपचुनाव में दो साल के लिए मंजू दादू को विधायक बनाया, लेकिन ढ़ाई साल में जनता से रिजल्ट आया कि अब मंजू को टिकट मिला तो वो हार जाएगी।
पूरे क्षेत्र में वोटर भी कह रहे मंजू को वोट नहीं देंगे। पूरा रिजल्ट मैने नंदू भैया को बताया और अपने लिए फिर टिकट मांगा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मिला। समधी अंतरसिंह आर्य से भी मिला। उन्होंने कहा नंदू भैया ही नाम फाइनल करेंगे, लेकिन उन्होंने मंजू को प्रत्याशी बना दिया। रविवार को 70 हजार मतदाता वाले राठिया समाज के साथ मीटिंग ली और निर्णय लेकर शिवसेना की सदस्यता ले ली।
15 साल में नेपा का जीरो विकास भी नहीं हुआ
पटेल वर्तमान अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश कार्य समिति में सदस्य, भीकनगांव में झिरनिया मंडल के संभागीय प्रतिनिधि रहे। इससे पहले पार्टी में मंडल अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, तीन बार प्रदेश अनुसूचित जाति मोर्चा उपाध्यक्ष, दो बार मंत्री और जिलाध्यक्ष रहे। पटेल ने कहा पिता नानासिंग जनसंघ के समय से रहे। मैने भी जन्म के बाद से भाजपा में सेवा दी। जिसका मुझे ये सिला मिला है। 15 साल में नेपा में जीरो विकास भी नहीं हुआ।
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