भोपाल। पुलिस विभाग में डीआईजी एक महत्वपूर्ण पद होता है। पूरी रेंज में पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर डीआईजी की नजर होती है। सिपाही से लेकर एसपी तक क्या करते हैं, किससे मिलते हैं, नेताओं और अपराधियों से कनेक्शन तो नहीं बन रहे। सबकुछ डीआईजी के मुखबिर पता लगाते रहते हैं। परंतु इंदौर में डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र को पता ही नहीं चला कि उनके अपने सरकारी आवास में तैनात डीएसपी पहाड़ सिंह कन्नौजे असल में भाजपा का कार्यकर्ता है। उसने बीमारी का बहाना बनाकर छुट्टी ली और चुनावी तैयारियां करने लगा। खुलासा तो तब हुआ जब उसने इस्तीफा दिया और फिर बताया कि वो बागली (देवास) से भाजपा का प्रत्याशी है।
इंदौर भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि करीब तीन माह पूर्व हमारे घर के कार्यालय में पदस्थ एक डीएसपी पहाड़ सिंह कन्नौजे को बागली (देवास) से भाजपा से विधायक का टिकट मिला है। हालांकि इस टिकट की जानकारी उन्हें उनके द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद मिली। जब वे खुद टिकट पाने के बाद उनसे मिलने आए। डीआईजी ने बताया कि कन्नौजे ने पुलिस सेवा से वीआरएस लेने के बाद चुनाव लड़ने की ठानी है। वे तीन माह पूर्व उनसे बीमारी की छुट्टी लेने के लिए आए थे। उनके पारिवारिक कारणों को देखते हुए हमने उनकी छुट्टी सेंशन कर दी थी। बाद में पता चला वे तो विधायक का चुनाव लड़ने के लिए ये छुट्टी लेकर गए थे।
2008 के पहले से भाजपा ने कनेक्ट थे डीएसपी पहाड़ सिंह
इधर सूत्रों ने बताया कि वे इसके पूर्व के दो विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी कर रहे थे। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था। इस बार टिकट कंफर्म हुआ तो उन्होंने वीआरएस ले लिया। यानी वो 2008 के पहले से ही भाजपा से कनेक्ट थे और स्वभाविक है कि भाजपा के लिए काम कर रहे थे। बता दें कि मप्र में सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है और पुलिस कर्मचारियों को तो किसी भी पार्टी के प्रति सहानुभूति रखने की अनुमति तक नहीं है।
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