भोपाल। इस तरह की खबरों का सभी पक्ष खंडन कर देते हैं। टिकट वितरण के दौरान कांग्रेस में कलह की खबरों का दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों ही खंडन कर चुके हैं परंतु इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है कि 1 नवम्बर को लिस्ट जारी क्यों नहीं हो पाई। क्या कारण है कि 2 नवम्बर की शाम तक भी लिस्ट जारी नहीं हो पाई। यह देरी प्रमाणित करती है कि लड़ाई बड़ी है और कांग्रेस ज्वालामुखी के मुख पर खड़ी है। आप पढ़ रहे हैं भोपाल समाचार डॉट कॉम। नियमित पढ़ने के लिए कृपया प्ले स्टोर में जाकर भोपाल समाचार डॉट कॉम सर्च करें एवं मोबाइल एप इंस्टॉल करें।
पढ़िए क्या हुआ था उस रात दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच
सूत्रों ने बताया कि विवाद मुरैना जिले की जौरा सीट से शुरू हुआ और फिर बढ़ता ही चला गया। दिग्विजय सिंह ने अपनी आदत के अनुसार टांग अड़ाई लेकिन इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी जवाबी हमला किया। विवाद इतना बढ़ा कि प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया को तो सब भूल ही गए। सिर्फ एक ही कोशिश की जा रही थी कि किसी तरह दोनों को शांत कराया जाए। बताया जा रहा है कि:
जौरा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक बनवारी लाल शर्मा का नाम प्रस्तावित किया।
दिग्विजय सिंह ने दखल देते हुए कहा कि 2 बार चुनाव हारने वालों को टिकट नहीं देना चाहिए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आप मेरे क्षेत्र में दखल ना दें।
दिग्विजय सिंह भड़क उठे और तल्ख लहजे में जवाब दिया।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं एक सीट की बात नहीं कर रहा, अपनी राय बता रहा हूं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह की भूमिका पर सवाल खड़ा कर दिया।
बात सीटों से निकलकर मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह का विरोध तक पहुंची।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह के उन फैसलों को भी गिना दिया जिसके कारण कांग्रेस को देश भर मेें नुक्सान हुआ।
गुस्साए दिग्विजय सिंह ने यहां तक कह डाला कि ऐसा है तो आप मुझे पार्टी से बाहर करवा दें।
राहुल गांधी ने बीच बचाव करने की काफी कोशिश की परंतु ना तो दिग्विजय सिंह चुप हुए और ना ही ज्योतिरादित्य सिंधिया। बात बढ़ती चली गई। अंतत: मीटिंग को स्थगित कर दिया गया। राहुल गांधी ने एक कमेटी बनाई और दोनों से बात करने को कहा। शुक्रवार सारे दिन दोनों के बची तालमेल की कोशिशें की जाती रहीं। समाचार लिखे जाने तक दोनों अपनी बातों पर अड़े हुए थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट कह दिया है कि उनके प्रभाव क्षेत्र में प्रत्याशियों का निर्णय वो खुद करेंगे। दिग्विजय सिंह का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं होगा। इस बीच सिंधिया के प्रभाव क्षेत्र से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे दिग्विजय सिंह के नजदीकी पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने भाजपा ज्वाइन कर ली। वो उज्जैन जिले की घट्टिया सीट से चुनाव लड़ेंगे।
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