दीपावली का त्यौहार लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने हेतु विधि विधान से पूजा करने का त्यौहार है। ज्यादातर लोग सजावट, साफ सफाई और आतिशबाजियों की तो लिस्ट बनाकर शॉपिंग कर लेते हैं परंतु पूजन के लिए पूजा सामग्री की दुकान पर जाकर 51 रुपए वाला पैकेट ले आते हैं। जरा सोचिए, क्या यह उचित है। जितना ध्यान आप लक्ष्मीजी की पूजा पर लगाएंगे, उसी अनुपात में आपको उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। अत: इस सूची को ध्यान में रखकर दीपावली पूजा सामग्री की खरीददारी कीजिए।
लक्ष्मी-गणेश की प्रतिम दोनों अलग-अलग होनी चाहिए। या फिर
लक्ष्मी-गणेश-सरस्वती जी का चित्र पट। इसे दीपावली पट या लक्ष्मी पट भी कहते हैं। यह इतना बड़ा हो कि जब आप माथे पर तिलक/बिंदी लगाएं तो वो पूरे चेहरे पर ना आए।
आराध्यों को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र,
चौकी पर बिछाने के लिए लाल कपड़ा,
सप्तधान्य,
गुलाल,
लौंग,
प्राकृतिक सुगंध वाली अगरबत्ती,
हल्दी,
अर्घ्य पात्र तांबा या चांदी का,
फूलों की माला और खुले फूल,
पूजा के उपयोग में आने वाली सुपारी,
शुद्ध सिंदूर बिना रंग की मिलावट वाला,
देसी इत्र बिना रासायनिक मिलावट वाला,
इलायची,
शुद्ध कपूर बिना मिलावट वाला,
केसर,
सीताफल,
कमलगट्टे,
कुशा,
कुंकु,
साबुत धनिया (जिसे धनतेरस पर खरीदा हो),
खील-बताशे,
गंगाजल,
देसी घी,
चंदन,
चांदी का सिक्का,
अक्षत,
दही,
1 बड़ा दीपक एवं 108 छोटे दीपक।
दूध,
लौंग लगा पान,
दूर्वा,
गेहूं,
धूप बत्ती,
मिठाई,
पंचमेवा,
पंच पल्लव (गूलर, गांव, आम, पाकर और बड़ के पत्ते),
तेल,
मौली,
कपास की रूई,
पांच यज्ञोपवीत (धागा),
रोली,
चीनी,
शहद,
नारियल/श्रीफल,
नारियल का गोला,
हल्दी की गांठ,
इसके अलावा आपकी परंपराओं के अनुसार जो कुछ भी आवश्यक हो।
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