भोपाल। पूरा मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के परिणामों का इंतजार कर रहा है और खंडवा में भाजपा की विधायक योगिता बोरकर भाजपा कार्यालय में आईं व अपना इस्तीफा फेंककर चलीं गईं। दरअसल, वो अपनी ही पार्टी से नाराज हैं। जब पदाधिकारी ध्यान नहीं रख सकते तो एेसी पार्टी में रहने से क्या फायदा, इस्तीफा देना ही बेहतर है।
क्या हुआ घटनाक्रम
भाजपा विधायक योगिता बोरकर के पति को प्रदेश अध्यक्ष ने विधायक के पति नवल सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इससे नाराज बोरकर मंगलवार को जिला कार्यालय पहुंचीं। उन्होंने जिलाध्यक्ष को फोन करके कार्यालय आकर इस्तीफा लेने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं आए। इसके बाद वे सांसद की टेबल पर अपना इस्तीफा फेंक कर चली आई।
एेसी पार्टी में रहने से क्या फायदा
इस्तीफा देने के बाद विधायक योगिता बोरकर ने कहा, "मेरे पति पर बार-बार हमले हो रहे हैं, उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाए जा रहे हैं। पार्टी के पदाधिकारी कह रहे हैं कि विधानसभा क्षेत्र छोड़कर चले जाओ, जब पदाधिकारी ध्यान नहीं रख सकते तो एेसी पार्टी में रहने से क्या फायदा, इस्तीफा देना ही बेहतर है।"
MLA के पति को गिरफ्तार करवा दिया था
बीते मंगलवार की रात पिपलोद थाने के ग्राम टाकलखेड़ा में पंधाना सीट से भाजपा प्रत्याशी राम दांगोरे और योगिता के पति नवलसिंह के बीच मारपीट हो गई थी। मामले में पुलिस ने नवल सिंह के खिलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई कर हिरासत में लिया था। जबकि घायल राम दांगोरे को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा, जहां तबीयत अधिक खराब हाेने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। घटना के तत्काल बाद नवलसिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
घटना के दूसरे दिन विधायक योगिता बोरकर अपने गार्ड के साथ खंडवा स्थित पार्टी के कार्यालय पहुंची, यहां कोई भी वरिष्ठ पदाधिकारी नहीं मिला। उन्होंने जिलाध्यक्ष हरीश कोटवाले से मोबाइल पर चर्चा कर इस्तीफा लेने का आग्रह किया, लेकिन वे नहीं आए। आधे घंटे के इंतजार के बाद जब कोई पदाधिकारी नहीं आया तो वे सांसद कक्ष में गई और इस्तीफा टेबल पर रखकर वापस लौट गईं।