नई दिल्ली। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पहाड़ी जिलों में भेजे गए नए डॉक्टरों को बड़ी सौगात दी है। हाई कोर्ट की खण्डपीठ ने बॉण्डधारी डॉक्टरों को एरियर का भुगतान करने और रेगुलर डॉक्टरों की तरह वेतन-भत्तों का भुगतान करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही इन डॉक्टरों को वे सभी सुविधाएं देने का आदेश दिया है, जो रेगुलर डॉक्टरों को मिलती हैं।
देहरादून के डॉक्टर अभिषेक बड़ाेनी सहित अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता डॉक्टरों ने एसटीएच राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से न्यूनतम तय शुल्क से एमबीबीएस किया। इस दौरान सरकार ने बांड भरवाया था कि फीस में सब्सिडी दी जाएगी और पढ़ाई पूरी होने के बाद पहले पांच साल तक डॉक्टरों को पहाड़ के सुदूरवर्ती जिलों में सेवाएं देनी होंंगी।
सरकार ने यह भी आदेश दिया था कि नए डॉक्टरों को वेतन व सुविधाएं समेत अलाउंसेज सरकारी डॉक्टर की तरह दिए जाएंंगे, लेकिन नियुक्ति के बाद सरकार प्रतिमाह 52 से 54 हजार रुपए की एकमुश्त रकम दे रही है। उन्हें बॉण्ड में किए गए करार के अनुसार वेतन नहीं मिल रहा है।
जब नियमानुसार वेतन व सुविधाएं नहीं मिलींं तो डॉक्टरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद मई से अब तक के एरियर का भुगतान करने व सरकारी चिकित्सक की तरह सेवा शर्तों का लाभ देने का आदेश पारित किया है।