भोपाल। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि प्रदेश में तीस वर्ष या अधिक के सेवाकाल पर दिनांक 01/07/2014 से कर्मचारियों व शिक्षक संवर्ग को शासनादेश से तृतीय समयमान/क्रमोन्नति वेतनमान देय है।
परिणामस्वरूप मूल वेतन में वृद्धि होने से गृह भाड़ा भत्ता में भी तदनुसार वृद्धि होना चाहिए। कई आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों के वेतननिर्धारण पर इसकी अनदेखी कर गृहभाड़ा भत्ता पूर्वानुसार ही दिया जा रहा है जो गलत है, जिसमें संशोधन किया जाए। नियमानुसार गृह भाड़ा भत्ता मूल वेतन का 3% देय है।
तृतीय समयमान/क्रमोन्नति वेतनमान के साथ 01/07/2014 से ही मूल वेतन में वृद्धि के साथ आनुपातिक वृद्धि के साथ गृह भाड़ा भत्ता 3% मिलना चाहिए। देय एरियर में भी इसका ध्यान रखा जाए, नहीं तो बेजा ही कर्मचारियों व शिक्षकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
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